नमामि गंगे ने पांच नदियों के संगम 'पंचगंगा तीर्थ' पर जगाई स्वच्छता की अलख
वाराणसी, 11 जून (हि.स.)। धर्म नगरी काशी में गंगा-अदृष्य यमुना-सरस्वती-किरणा-धूतपापा नदियों के संगम पंचगंगा घाट पर मंगलवार को नमामि गंगे के कार्यकर्ताओं ने स्वच्छता की अलख जगाई। कार्यकर्ताओं ने दुर्गा घाट और ब्रह्मा घाट तक गंगा किनारे की साफ सफाई की। पांच नदियों के संगम पंचगंगा घाट पर मां गंगा की आरती उतार कर जल संरक्षण का संदेश दिया गया।
'जल प्रकृति का अनुपम उपहार है', आओ घर-घर अलख जगाएं, जल संरक्षण की ओर कदम बढ़ाएं' जल प्रकृति की अनमोल देन है जल का सदुपयोग करें जैसे गगनभेदी नारों के बीच सभी को गंगा स्वच्छता और जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई। गंगा में स्नान करने के लिए पहुंचे स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं से गंदगी न करने का आग्रह किया गया।
संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि स्वच्छ एवं सुरक्षित जल अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है। गंगाजल जैसे प्राकृतिक संसाधन की बचत करना बहुत जरूरी है ताकि आने वाली पीढ़ियों को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। कुओं, नलकूपों, तालाबों और माता की तरह हितकारिणी नदियों से अंधाधुंध जल दोहन के कारण भूजल में कमी आ गई है। इसलिए हर व्यक्ति का दायित्व है कि वह जल के महत्व को समझते हुए इसका सदुपयोग करे और जल को व्यर्थ में न बहने दे। जलशक्ति अभियान से जुड़े लोग संकल्प लें कि जल बर्बादी रोककर जल संरक्षण करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पवन
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