नागपंचमी पर्व : प्राचीन नागकूप की नमामि गंगे ने उतारी आरती
—प्राचीन कुंडों के संरक्षण की कामना से स्वच्छता अभियान में श्रमदान
वाराणसी, 09 अगस्त (हि.स.)। नाग पंचमी पर्व पर शुक्रवार को नमामि गंगे के सदस्यों ने महर्षि पतंजलि की तपोस्थली प्राचीन नागकूप जैतपुरा स्थित नागेश्वर महादेव और नाग देवता की आरती उतारी। प्राचीन कुंड में स्नान पूजन के लिए उपस्थित श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच जल संरक्षण की कामना से स्वच्छता अभियान चलाया। कार्यकर्ताओं ने श्रद्धालुओं के साथ मिलकर कालसर्प दोष मुक्ति की कामना से कूप में माला-फूल, दूध लावा चढ़ाया। पौराणिक कुंडों, तालाबों और पोखरों पर सिंगल यूज़ पॉलीथीन का इस्तेमाल न करने की अपील करते हुए कुंड के आसपास बिखरे हुए पॉलिथीन एवं कूड़े कचरों को बटोर कर कूड़ेदान तक पहुंचाया। संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि काशी का प्रसिद्ध प्राचीन नागकूप गुरु पतंजलि की तपोस्थली है। इस प्राचीन कुंड में नागेश्वर महादेव का शिवलिंग विराजमान है। स्कंद पुराण के अनुसार यह वह स्थल है, जहां से पाताल एवं नागलोक जाने का रास्ता है। नागपंचमी प्राकृतिक संरक्षण की दृष्टि से भी सारगर्भित है। शुक्ला ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। नाग खेतों का रक्षण करते हैं। नाग पंचमी के पर्व पर हमने कुंड की स्वच्छता करके जल संरक्षण और स्वच्छता को स्वभाव में शामिल करने का निवेदन किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / दिलीप शुक्ला
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