स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रणजीत सिंह की पुण्यतिथी मनी
वाराणसी, 24 नवम्बर (हि.स.)। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रणजीत सिंह की 37वीं पुण्यतिथि शुक्रवार को पैतृक गांव भट्ठी, लोहता में परिजनों के साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों ने मनाई। पुण्यतिथि पर आयोजित व्याख्यान ‘राष्ट्र की उन्नति में हमारा योगदान व हमारे इरादे’ में बतौर मुख्य अतिथि शामिल समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज राय धूपचण्डी (पूर्व राज्य मंत्री) ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रणजीत सिंह उर्फ बाबा जी को नमन किया और उनके संघर्ष से जुड़ी यादों को साझा किया।
अन्य वक्ताओं ने कहा कि रणजीत सिंह उर्फ बाबा जी नौकरी छोड़कर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। 1922, 1930 में 1932 में 1947 एवं 1942 के आंदोलनों में कुल 5 बार जेल गए। काशी विद्यापीठ ब्लाक मुख्यालय पर स्थित कीर्ति स्तंभ में उनके नाम का अंकन एवं सन 1972 में भारत वर्ष की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्वतंत्रता के 25वें वर्षगांठ पर ताम्रपत्र भेंट कर सम्मान प्रदान किया था। आजादी की लड़ाई में पांच वर्ष की अविस्मरणीय जेल यात्राओं में उन्हें यातनाओं के साथ -साथ 3 वर्ष का सश्रम कारावास काटना पड़ा था। जेल के अंदर डॉ. संपूर्णानंद, लोकबंधु राजनारायण, पंडित कमलापति त्रिपाठी, निहाला सिंह जैसे सेनानियों के आदर पात्र रहे। प्रतिदिन संध्या वंदन, कीर्तन एवं देश भक्ति गीत से जेल में बंद कैदी भी इनके मुरीद थे। जेल में भी मंदिर का पूजा इनके द्वारा किया जाता था। इससे इन्हें उपनाम बाबा जी से प्रसिद्धि मिली। व्याख्यान में पूर्व विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह, दण्डी स्वामी अनंतानंद सरस्वती, आनन्द मोहन गुड्डू,रमाकांत सिंह मिन्टू, दिनेश सिंह, जिला पंचायत सदस्य सुनील सिंह, गगन यादव, सुजीत यादव (जिला अध्यक्ष सपा) आदि ने भागीदारी की।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दिलीप
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