नारी शक्ति के बिना सृजन व समाज निर्माण नहीं : डॉ अविनाश

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नारी शक्ति के बिना सृजन व समाज निर्माण नहीं : डॉ अविनाश


प्रयागराज, 27 अगस्त (हि.स.)। महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं को उनके सामर्थ्य की याद दिलाना भी है। नारी शक्ति के बिना सृजन और अग्रगामी समाज निर्माण का रास्ता नहीं बन सकता। समस्याओं का समाधान युवा शक्ति के ही पास होता है।

उक्त विचार इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गांधी अध्ययन संस्थान के डॉ. अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने मंगलवार को महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के दृष्टिगत राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित “मिशन शक्ति अभियान” में व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यदि हम अर्जुन की तरह तीर साधें तो मरुस्थल से भी जल निकल सकता है। हमें यदि कुछ पाना है तो उसके लिए कुछ अर्पण करना भी सीखना चाहिए। अन्याय का प्रतिकार, सक्षम समाज का निर्माण हम सब युवकों का ही सामूहिक दायित्व है।

राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक प्रो. राजेश कुमार गर्ग ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्पूर्ण समाज की ज़िम्मेदारी है। उनका आत्म सम्मान सामूहिक सहयोग से ही बढ़ेगा। उनका स्वावलम्बन भी सक्षम समाज के लिए ज़रूरी है। कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रुचि दुबे ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र एवं छात्रायें उपस्थित रहीं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र / दिलीप शुक्ला

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