मिशन हब देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में 25 स्थानों पर स्थापित किए गए:डॉ.अभय करंदीकर

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मिशन हब देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में 25 स्थानों पर स्थापित किए गए:डॉ.अभय करंदीकर


कानपुर,07 सितम्बर (हि.स.)। मिशन हब देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में 25 स्थानों पर स्थापित किए गए हैं, और वे कृषि, ऊर्जा, जल परिवहन जैसे साइबर-भौतिक प्रणालियों के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम कर रहे हैं। यह बात शनिवार को साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (टीआईपीएस) में प्रौद्योगिकी नवाचार पर तीसरी राष्ट्रीय कार्यशाला में आईआईटी कानपुर के निदेशक एवं भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ.अभय करंदीकर ने कही।

उन्होंने कहा कि 4 वर्षों की अवधि के बाद, यह देखा जा सकता है कि मिशन ने न केवल विकसित प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के संदर्भ में महत्वपूर्ण परिणाम दिए हैं, बल्कि उच्च प्रभाव वाली पत्रिकाओं में वैज्ञानिक प्रकाशन भी किए हैं।

एनएम-आईसीपीएस मिशन निदेशक डॉ. एकता कपूर ने कहा कि मिशन भारत को सीपीएस प्रौद्योगिकियों में अग्रणी वाहक बनाने, सामाजिक और व्यावसायिक उपयोग के लिए सीपीएस प्रौद्योगिकियों का अनुवाद हासिल करने, स्टार्टअप का पोषण करने और नौकरी, बाजार में अवसर बढ़ाने और सीपीएस प्रौद्योगिकियों में अगली पीढ़ी के टेक्नोक्रेट भी तैयार के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल रहा है।

आईआईटी कानपुर सी3आईहब के परियोजना निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा “सी 3आई हब जो 25 टीआईएच में से एक है, भारत में अपनी तरह का पहला साइबर सुरक्षा केंद्र है, जो पानी, सीवेज सिस्टम, पावर ग्रिड, परमाणु संयंत्र, और रॉकेट और मिसाइल नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए समाधान बनाने की प्रक्रिया में है।

आईआईटी कानपुर के कार्यवाहक निदेशक प्रो. एस. गणेश ने कहा कि सी 3आई हब ने ब्लॉकचेन-आधारित डिजिटल डिग्री से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, बंदरगाहों पर सुरक्षा संचालन केंद्र सुविधाओं और पुलिस की मदद के लिए साइबर अपराध निरीक्षण उपकरण तक कई प्रमुख अत्याधुनिक तकनीकें प्रदान की हैं।

डॉ. वी. के. सारस्वत ने उद्योग 4.0 और समाज 5.0 से परे साइबर भौतिक प्रणालियों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि दोनों को मिला दिया जाए, तो साइबर-भौतिक प्रणालियाँ साइबर सामाजिक प्रणालियों, साइबर जैविक प्रणालियों और साइबर उद्यम प्रणालियों जैसे नए क्षेत्रों में तब्दील हो सकती हैं। ऐसी सभी प्रणालियों में सामान्य तत्व सेंसर, संचार और एल्गोरिदम हैं और हब को इन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

मिशन गवर्निंग बॉडी (एमजीबी), एनएम-आईसीपीएस के अध्यक्ष डॉ. क्रिस गोपालकृष्णन ने बताया कि अनुसंधान को ऐसी तकनीक का निर्माण करना चाहिए जो समाज में प्रभाव डाल सके और जिसका व्यावसायीकरण भी किया जा सके। डीएसटी के वरिष्ठ सलाहकार और विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) के सचिव डॉ. अखिलेश गुप्ता ने विस्तार से बताया कि एनएम-आईसीपीएस ने 550 से अधिक प्रौद्योगिकियों का निर्माण किया है, 12,000 से अधिक नौकरियों का सृजन किया है, 100 से अधिक सहयोग केन्द्र शुरू किए गए हैं, और 1400 से अधिक प्रकाशनों और 50,000 प्रशिक्षित जनशक्ति का नेतृत्व किया।

आईआईटी के मीडिया प्रभारी गिरीश पंत्त ने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटीके) के साइबर सुरक्षा टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टीआईएच) सी3आईहब ने साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (टीआईपीएस) में प्रौद्योगिकी नवाचार पर तीसरी राष्ट्रीय कार्यशाला की मेजबानी की। कार्यशाला का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (एनएम-आईसीपीएस) के तहत किया गया था।

डॉ. वी के सारस्वत सदस्य (एस एंड टी) नीति आयोग, भारत सरकार ने डॉ. अखिलेश गुप्ता, वरिष्ठ सलाहकार डीएसटी और सचिव-एसईआरबी, डॉ. क्रिस गोपालकृष्णन, अध्यक्ष, एक्सिलर वेंचर्स, बेंगलुरु, प्रोफेसर एस गणेश कार्यवाहक निदेशक, आईआईटी कानपुर और डॉ. एकता कपूर, मिशन निदेशक, एनएम-आईसीपीएस डीएसटी की उपस्थिति में कार्यशाला का उद्घाटन किया। गणमान्य व्यक्तियों ने एक एक्सपो का भी उद्घाटन किया जहां 25 टीआईएच ने अपनी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और अनुसंधान प्रगति का प्रदर्शन किया।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/सियाराम

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