पेपर मिल पर अचानक ताला, श्रमिकों का हंगामा
सीतापुर, 3 दिसंबर (हि.स.)। रामकोट के दारुका पेपर मिल का महीनों से बंद पड़ा रहना बुधवार को बड़ा विस्फोट बनकर सामने आया। अचानक फैक्ट्री पर ताला डालने और 500 से अधिक श्रमिकों को बेरोज़गार छोड़ देने के खिलाफ श्रमिक बुधवार दोपहर उग्र आंदोलन पर उतर आए। फैक्ट्री गेट पर जमकर नारेबाज़ी हुई और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक पिंदर सिंह सिद्धू आंदोलन में पहुंचे और श्रमिकों का खुला समर्थन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मिल पार्टनरों के आपसी विवाद ने सैकड़ों परिवारों को सड़क पर ला खड़ा किया है। दो माह की मजदूरी और सैलरी बकाया होने के बावजूद मिल प्रबंधन ने न तो भुगतान किया और न ही बंदी की कोई वजह बताई।
गुस्साए श्रमिकों ने कहा कि कई बार शिकायत करने पर भी मिल मालिकों ने सुनवाई तक नहीं की, जिससे परिवारों का भरण-पोषण संकट में पड़ गया है। किसान नेता सिद्धू ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए साफ कहा कि श्रमिकों का बकाया तुरंत दिलाया जाए और कम से कम छह महीने का मुआवज़ा मिल मालिकों पर अनिवार्य किया जाए, ताकि श्रमिकों के बच्चों का भविष्य बच सके।
उन्होंने कहा कि यदि छह महीने में फैक्ट्री पुनः चालू नहीं होती, तो श्रमिकों को दूसरी नौकरी खोजने का विकल्प मिलना चाहिए, लेकिन फिलहाल आर्थिक सुरक्षा अनिवार्य है।
इस सम्बंध में किसान संगठन के पिंदर सिंह ने बताया कि बुधवार दोपहर से जारी धरना मांगें पूरी होने तक आंदोलन फैक्ट्री गेट पर लगातार जारी रहेगा। स्थल पर बड़ी संख्या में श्रमिक और स्थानीय लोग जुटे है,उन्होंने बताया कि मजदूरों के हित के लिए लड़ाई आर पार होगी खबर लिखे जाने तक मिल गेट के बाहर धरना जारी है क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Mahesh Sharma

