वाराणसी में मानव श्रृंखला बनाकर गंगा जल संरक्षण का दिया संदेश
—गंगा आरती कर दशाश्वमेध से ललिता घाट तक निकाली स्वच्छता जागरूकता यात्रा
वाराणसी, 29 नवंबर (हि.स.)। पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधने वाली मां गंगा का तट शुक्रवार को स्वच्छ गंगा-निर्मल गंगा के गगन भेदी उद्घोष से गूंज उठा। नमामि गंगे और एक निजी संस्था के सदस्यों ने दशाश्वमेध घाट पर मानव श्रृंखला बनाकर गंगा जल संरक्षण का संदेश दिया। दशाश्वमेध घाट से काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार तक स्वच्छता के लिए पदयात्रा निकाली। पदयात्रा के दौरान सदस्यों ने गंगा किनारे पड़ी गंदगी को बटोर कर कूड़ेदान के सुपुर्द किया । हाथों में गंदगी बटोरती टोकरी और स्वच्छता के स्लोगन लिखी तख्तियां देख कर आम लोगों ने भी इसमें भागीदारी की।
दशाश्वमेध से ललिता घाट तक हजारों श्रद्धालुओं को गंगा स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए जनमानस के साथ राष्ट्रध्वज लेकर राष्ट्रीय नदी गंगा की आरती उतारी गई। नमामि गंगे के राजेश शुक्ला ने इस दौरान कहा कि गंगा देश को एकता के सूत्र में बांधती हैं। देश में विविध भाषाएं, धर्म, संस्कृति, संगीत होने के बावजूद कुछ ऐसी चीजें हैं जो हमें बांधे रखती हैं, एकजुट रखती हैं…गंगा उनमें से एक हैं। गंगा की निर्मलता के लिए योगदान करना हम सभी का राष्ट्रीय और नैतिक दायित्व है। कार्यक्रम में सारिका गुप्ता, निधि अग्रवाल, मधु सिंह, आशीष त्रिपाठी, सविता राय, अल्पना सिंह, शिखर द्विवेदी, कुन्दन मिश्र, अवनीश सिंह आदि ने भागीदारी की।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी
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