कुपोषित क्षय रोगियों की होगी पहचान, गोद लेकर किया जाएगा स्वस्थ

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कुपोषित क्षय रोगियों की होगी पहचान, गोद लेकर किया जाएगा स्वस्थ


-स्वास्थ्य इकाइयों पर होगी बीएमआई माप प्रक्रिया, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान

वाराणसी, 26 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएम-टीबीएमबीए) के अंतर्गत जनपद में कुपोषित क्षय रोगियों को गोद लेने की शुरुआत की जा रही है। गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि शासन की ओर से मिले निर्देश के क्रम में जिले में मौजूद वर्तमान कुपोषित क्षय रोगियों को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जनपद की समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर बाडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की मापने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। बीएमआई की गणना करते हुए 18 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर से कम वाले रोगियों को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से गोद लेकर पोषण पोटली दिलाने तथा छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के माध्यम से अतिरिक्त पोषण सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि कुपोषण और क्षय रोग का सीधा संबंध होता है। टीबी रोगियों को बेहतर प्रोटीन युक्त आहार न मिल पाने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। लगातार वजन में भी कमी होती है। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय ने बताया कि नोटिफिकेशन अधिक होने के साथ ही रोगियों का सफलतापूर्वक उपचार पूरा करना भी आवश्यक है। वर्तमान में जनपद का टीबी सक्सेस रेट 91 प्रतिशत है। दूसरी ओर वर्तमान में 7647 क्षय रोगी उपचार पर हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में क्षय रोगियों की डायग्नोसिस (निदान) होने के उपरान्त उन्हें तीन दिनों के भीतर ही क्षय रोगी की बीएमआई कराई जाएगी।

ऐसे निकालें बीएमआई

बीएमआई अर्थात् बॉडी मास इंडेक्स मोटापे की जांच करने का अंतरराष्ट्रीय मानक है। अपना बीएमआई मापने के लिए अपने वजन को अपनी लंबाई (इंच में) से भाग करें। बीएमआई के आधार पर आप यह जांच सकते हैं कि आपका वजन सामान्य है या उससे अधिक। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों के अनुसार सामान्य बीएमआई 18.5 से 24.9 होना चाहिए। इससे ज्यादा बीएमआई वालों को मोटापे की श्रेणी में रखा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

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