योगी सरकार में सुदृढ़ हो रही पैथालॉजी जांच की सुविधा

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योगी सरकार में सुदृढ़ हो रही पैथालॉजी जांच की सुविधा


घर के नजदीक निशुल्क मिल रहीं बड़ी पैथालॉजिकल जांच सेवाएं, मोबाइल पर मिल रही है रिपोर्ट

गोरखपुर, 7 दिसंबर (हि.स.)। ‘सबको इलाज, उत्कृष्ट इलाज’ के मंत्र का अनुसरण करते हुए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के साथ ही योगी सरकार आमजन के हित मे मुफ्त पैथालॉजी जांच की सुविधा का विस्तार भी कर रही है। इसी सिलसिले के तहत गोरखपुर में पैथालॉजी जांच के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल हुई है। गोरखपुर शहर में दस नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं जहां लोग बड़ी पैथालॉजिकल जांच के लिए सैंपल देते हैं और शाम तक घर बैठे मोबाइल पर ब्लड जांच रिपोर्ट मिल जाती है। इस सुविधा से लोगों को दौड़भाग, जांच खर्च की बचत और गुणवत्तापूर्ण जांच की सुविधा एक साथ मिल रही है।

गोरखपुर शहर की चरगांवा निवासी गरिमा अक्टूबर में बीमार पड़ गयीं। वह थॉयराइड की मरीज भी हैं। गरिमा ने शाहपुर नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक को दिखाया। वहां के चिकित्सक की सलाह पर उन्होंने पिपराइच सीएचसी की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ को भी दिखाया। इस दौरान चिकित्सक ने उन्हें एलएफटी, केएफटी, थॉयराइड, सीबीसी आदि जांचों के लिए सलाह दी। साथ ही यह भी बताया कि इन जांचों के सैंपल शहर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी दिए जा सकते हैं। गरिमा ने शाहपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर ब्लड सैंपल दिया और शाम तक मोबाइल पर रिपोर्ट भी आ गयी। वह कहती हैं कि उन्होंने सोचा भी नहीं था कि बिना जिला अस्पताल पहुंचे यह जांच घर के नजदीक निशुल्क हो सकती है। इसके लिए वह योगी सरकार को धन्यवाद देती हैं।

जैसे-जैसे लोगों को इस नई व्यवस्था के बारे में जानकारी हो रही है, इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सामने आ रहे हैं। सितंबर में यह व्यवस्था शुरू हुई तो केवल 71 लोगों के ब्लड सैंपल की जांच हुई। अक्टूबर में 501 लोगों ने इस सुविधा का लाभ लिया और नवंबर में यह संख्या 544 हो गई है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा का कहना है कि यह चिकित्सा सेवा के प्रति सरकार के संकल्पबद्ध प्रयासों का सुफल है। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था जिला अस्पताल में खुले इंटीग्रेटेड लैब के कारण संभव हो सकी है। शहर के दस स्वास्थ्य केंद्रों से सैंपल इकट्ठा करवा कर उसी दिन जिला अस्पताल पहुंचा दिया जाता है। केंद्र पर जिसका ब्लड कलेक्ट किया जाता है और उसका मोबाइल नंबर भी फीड हो जाता है। शाम तक ब्लड की रिपोर्ट लाभार्थी के मोबाइल पर चली जाती है। सिर्फ एक लिंक पर क्लिक करके लाभार्थी पूरी रिपोर्ट डाउनलोड कर सकता है।

सीएमओ ने बताया कि इलाज के दौरान ब्लड जांच एक बड़ा खर्च होता है। सरकार का निर्देश है कि आम आदमी की जेब पर पड़ने वाले इस खर्च के बोझ को रोका जाए। शुरुआत में सिर्फ दस शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा शुरू की गई। आने वाले समय मे इसे शहर के सभी 23 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर लागू किया जाएगा। इससे पूरा गोरखपुर शहर और इसके आसपास के लोग भी लाभान्वित होंगे। इससे एक तो जिला अस्पताल में लगने वाली भीड़ कम होगी, तो दूसरी तरफ लोग बेवजह निजी पैथालॉजी में जाकर पैसे खर्च करने से बच जाएंगे।

वर्तमान में शहरी स्वास्थ्य केंद्रों से 44 प्रकार की जांचों की सैंपलिंग की जा रही है। इनमें लीवर, किडनी, लिपिड, थॉयराइड जैसी महत्वपूर्ण जांचें शामिल हैं। इनके अलावा भी प्रत्येक चिकित्सा इकाई पर कई महत्वपूर्ण निशुल्क जांचों की सुविधा उपलब्ध है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर 14, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 63, बीपीएचयू (ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट) और सीएचसी (कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर) पर 97, जबकि जिला अस्पताल में 114 प्रकार की जाचों की सुविधा देने का प्रावधान है। इस साल जून से अब तक 7296 लाभार्थी 27 ब्लॉक स्तरीय इकाइयों पर मजबूत की गयीं डायग्नॉस्टिक सेवाओं का लाभ ले चुके है। इन इकाइयों पर पैथालॉजी जांच की यह सुविधा स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम साबित होगी।

सीएमओ का कहना है कि जिले में अभी चार बीपीएचयू बन कर तैयार हैं और सभी ब्लॉक में बीपीएचयू बनाने की तैयारी है। इसके जरिये सभी ब्लॉकों में 97 प्रकार की जांचों की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इस संकल्प को पूरा करने में शासन स्तर, जिला प्रशासन और पूरी जनपदीय टीम के साथ-साथ सहयोगी संस्थाएं भी मददगार बन रही हैं।

इन केंद्रों से हो रही है सैंपलिंग

गाेरखपुर जनपद में बसंतपुर, गोरखनाथ, नथमलपुर, हुमायूंपुर, इलाहीबाग, शाहपुर, शिवपुर-सहबाजगंज, छोटे काजीपुर, झरना टोला और दीवान बाजार में सैंपलिंग की सुविधा लाेगाें काे मिल रही हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय

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