संदेशखाली में नारी पर अत्याचार के विरोध में महिलाओं का प्रदर्शन

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संदेशखाली में नारी पर अत्याचार के विरोध में महिलाओं का प्रदर्शन


संदेशखाली में नारी पर अत्याचार के विरोध में महिलाओं का प्रदर्शन


संदेशखाली में नारी पर अत्याचार के विरोध में महिलाओं का प्रदर्शन


मेरठ, 04 मार्च (हि.स.)। संदेशखाली (पश्चिम बंगाल) में महिलाओं, बच्चों एवं परिवारों पर अत्याचार एवं हिंसा का विरोध तेज हो गया है। सोमवार को महिला समन्वय संगठन के बैनर तले महिलाओं ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।

महिलाओं ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए नगर मजिस्ट्रेट अनिल कुमार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। महिलाओं ने कहा कि सन्देशखाली को घटना का हम घोर विरोध करते हैं। ये घटनाएं निरंतर हो रही थी, जो ईडी के अधिकारियों पर हमला होने के बाद और शहजाद शेख के फरार होने के बाद ही सामने आ सकी। राजनीति और धार्मिक कारणों से प्रेरित ये कृत्य पुलिस प्रशासन एवं पश्चिम बंगाल सरकार की नाकामी को उजागर करते हैं। बच्चों और महिलाओं के साथ बर्बरतापूर्वक व्यवहार, यौन उत्पीड़न, मारपीट की अनेक घटनाएं लगातार निकलकर सामने आ रही हैं। अपराधियों द्वारा जमीन हड़पने के कितने ही मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। इन घटनाओं से पश्चिम बंगाल की महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा की चिंताजनक स्थिति सामने आई है। स्थिति इतनी भयानक है कि कई दिनों से हो रहे अत्याचारों की घटनाओं के बाद भी पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की। राजनैतिक, धार्मिक, आर्थिक मुद्दों में महिलाओं एवं बच्चों को निशाना बनाना अत्यंत अमानवीय, अपमानजनक एवं पीड़ादायक है। हम इन दर्दनाक घटनाओं की घोर निंदा एवं विरोध करते हैं।

महिला समन्वय संगठन मांग करता है कि पश्चिम बंगाल में हो रहे इन कृत्यों के लिये दोषियों पर तुरन्त कार्रवाई की जाए। सभी दोषियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करके जल्द गति न्यायालय (फास्ट ट्रैक) में केस चलाकर शीघ्र न्याय दिया जाये। पीड़ित महिलाओं, बच्चों एवं परिवारों को सुरक्षा एवं आर्थिक सहायता तुरन्त प्रदान की जाये। पश्चिम बंगाल सरकार एवं पुलिस तुरन्त इस पर कार्रवाई करें। केन्द्रीय गृह मंत्रालय तुरन्त ही इन सभी घटनाओं का संज्ञान लेकर भारतीय संविधान एवं अन्य कानूनों के तहत उपयुक्त कार्रवाई करें।

महिला समन्वय संगठन की प्रात संयोजिका डॉक्टर वेद प्रभा ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा दखल देने का हम स्वागत करते हैं।

इस अवसर पर विभाग संयोजिका विमला पुंडीर, विभाग सह संयोजिका डॉक्टर पायल अग्रवाल, मीनल गौतम आदि उपस्थित रहीं।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. कुलदीप/मोहित

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