श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति के लिए प्राणों की आहुति देने वाले बलिदानियों की मुक्ति को काशी में महारुद्राभिषेक

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श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति के लिए प्राणों की आहुति देने वाले बलिदानियों की मुक्ति को काशी में महारुद्राभिषेक


श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति के लिए प्राणों की आहुति देने वाले बलिदानियों की मुक्ति को काशी में महारुद्राभिषेक


श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति के लिए प्राणों की आहुति देने वाले बलिदानियों की मुक्ति को काशी में महारुद्राभिषेक


—देशभर के 1200 संतों ने किया मां गंगा का विधिवत पूजन

वाराणसी,02 नवम्बर (हि.स.)। 492 वर्ष तक रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि स्थान पर भगवान राम के भव्य मंदिर बनाने के लिए जिन संतों, गृहस्थों व कारसेवकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी, उनकी आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए गुरूवार शाम श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में देश भर से आए संतों ने महारुद्राभिषेक किया । रुद्राभिषेक के साथ तीन दिवसीय संस्कृति संसद का शुभारंभ भी हो गया।

अखिल भारतीय संत समिति, अखाड़ा परिषद, श्रीकाशी विद्वत परिषद के सहयोग से गंगा महासभा की ओर से आयोजित संस्कृति संसद में भाग लेने पहुंचे 400 महामण्डलेश्वर समेत 1200 संत रविदास घाट पर जुटे। यहां से बजड़े पर सवार होकर गंगा द्वार पर पहुंचे। गंगा गेट पर गंगा पूजन, शंकराचार्य, भारत माता, महारानी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर संत बाबा विश्वनाथ के दरबार में आए। यहां रुद्राभिषेक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित अविमुक्तेश्वर महादेव मंडप में सम्पन्न हुआ। श्री अविमुक्तेश्वर महादेव बाबा विश्वनाथ के गुरु हैं। इस महा रुद्राभिषेक समारोह के यजमान गंगा महासभा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री गोविंद शर्मा, भक्ति किरण शास्त्री एवं एक अखबार के संपादक संजय गुप्ता रहे।

महारुद्राभिषेक में संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैवल्य पीठाधीश्वर जगद्गुरु अविचल देवाचार्य महाराज , परमहंस स्वामी चिदानंद मुनि, आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती आचार्य महामंडलेश्वर विश्वात्मानंद महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर बालिकानंद गिरी महाराज, जगतगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती , जगतगुरु शंकराचार्य भानपुरा पीठ ज्ञान आनंद तीर्थ महाराज और स्वामी धर्मदेव, महामंडलेश्वर जनार्दन हरि ने भी भागीदारी की।

इसके अलावा महामंडलेश्वर शंकरानंद गिरी उड़ीसा, महामंडलेश्वर हरिहर आनंद सरस्वती मैनपुरी उत्तर प्रदेश, महामंडलेश्वर चिदम्बरानंद सरस्वती मुंबई, महामंडलेश्वर अभियानंद सरस्वती महाराज लखनऊ, जितेंद्रनाथ महाराज विदर्भ, महामंडलेश्वर विश्वेरा नंद महाराज हरियाणा, दिनेश भारती महाराज जम्मू, राधे-राधे बाबा, महामंडलेश्वर नरसिंह दास महाराज जबलपुर , प्रभाकर आनंद केरल, स्वामी गरुड़ानंद महाराज तमिलनाडु, स्वामी विद्यानंद महाराज कर्नाटक, विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश चंद्र, अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद पंरांडे, केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी के साथ साथ काशी के संत सतुआ बाबा, स्वामी बालकदास ने भी महारूद्राभिषेक में भाग लिया।

सभी संतों ने श्री रामजन्म भूमि मुक्ति आंदोलन के लिए अपनों प्राणों को न्योछावर करने वाले हुतात्माओं की मुक्ति के लिए अलग अलग संकल्प दोहराते हुए रुद्राभिषेक किया। संतों ने इसी क्रम में सनातन सापेक्ष सरकार बने एवं राष्ट्र एकता और अखंडता अक्षुण्ण रहे कामना के साथ भगवान विश्वनाथ का रूद्राभिषेक किया।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पदुम नारायण

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