लोस चुनाव : धौरहरा संसदीय सीट पर सपा-बसपा को अपनी पहली जीत का इंतजार

लोस चुनाव : धौरहरा संसदीय सीट पर सपा-बसपा को अपनी पहली जीत का इंतजार
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लोस चुनाव : धौरहरा संसदीय सीट पर सपा-बसपा को अपनी पहली जीत का इंतजार


लखनऊ, 12 मई (हि.स.)। शाहजहांपुर से अलग होकर लखीमपुर खीरी के तीन और सीतापुर जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बनी धौरहरा लोकसभा सीट 2009 में अस्तित्व में आई। इस सीट पर अब तक हुए तीन चुनाव में एक कांग्रेस और दो भाजपा ने जीते हैं। चुनाव के आंकड़ें देखें तो सपा और बसपा दूसरे-तीसरे स्थान पर रहे हैं। दोनों दलों का यहां अपनी पहली जीत का इंतजार है। गौरतलब है कि, 2024 के आम चुनाव में सपा-कांग्रेस का गठबंधन हैं, और धौरहरा सीट सपा के खाते में है।

पहले चुनाव में कांग्रेस ने फहराया जीत का परचम

धौरहरा सीट के अस्तित्व में आने के बाद 2009 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस से मैदान में उतरे जितिन प्रसाद ने 391,391 (51.53 प्रतिशत) वोट शेयर के साथ एकतरफा जीत दर्ज की थी। दूसरे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी राजेश कुमार सिंह के खाते में 206,882 (27.24 प्रतिशत) वोट आए। सपा के ओम प्रकाश और भाजपा के राघवेंद्र सिंह तीसरे और चौथे स्थान पर रहे। सपा और भाजपा प्रत्याशी अपनी जमानत जब्त बचाने में विफल रहे।

दूसरे चुनाव में भाजपा का कमल खिला

2014 के आम चुनाव भाजपा प्रत्याशी रेखा वर्मा ने महज 33.99 फीसदी वोट शेयर हासिल कर यहां भगवा परचम फहरा दिया। इस चुनाव में कांग्रेस के जितिन प्रसाद 16.63 फीसदी वोट ही हासिल कर सके। पहले चुनाव में भाजपा को चौथे स्थान पर धकेलने वाली कांग्रेस चौथे स्थान पर खिसक गई। कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी दाऊद अहमद 22.13 फीसदी वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। सपा के आनन्द भदौरिया तीसरे स्थान पर रहे। उन्हें 22.07 फीसदी वोट मिले।

2019 में दूसरी बार भाजपा का फहराया झंडा

2019 में भाजपा प्रत्याशी रेखा वर्मा का वोट शेयर बढ़ा और जीत भी बरकरार रही। इस चुनाव में रेखा वर्मा को 512,905 (48.21 प्रतिशत) वोट मिले। इस चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन था। ये सीट बसपा के खाते में थी। बसपा ने यहां अरशद इलियास सिद्दीकी को मैदान में उतारा था। गठबंधन के प्रत्याशी के हिस्से में 352,294 (33.11 प्रतिशत) वोट आए। इस चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी जितिन प्रसाद को 162,856 (15.31 प्रतिशत) वोट मिले। जितिन प्रसाद तीसरे स्थान पर रहे और उनकी जमानत जब्त हो गई।

2024 के चुनाव का हाल

भाजपा ने मौजूदा सांसद रेखा वर्मा को फिर मैदान में उतारा है। सपा ने आनंद भदौरिया, तो बसपा ने श्याम किशोर अवस्थी को उतारकर सवर्ण मतदाताओं में सेंध लगाने की पटकथा तैयार की है। यहां मुकाबला त्रिकोणीय बन रहा है। इस चुनाव में सपा-कांग्रेस का गठबंधन है। बसपा अकेले मैदान में है। अब यह देखना अहम होगा कि भाजपा इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाती है या फिर सपा या बसपा को अपनी पहली जीत का स्वाद चखने को मिलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. आशीष वशिष्ठ

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