लोस चुनाव : सुल्तानपुर सबसे छोटी और सबसे बड़ी जीत भाजपा की
लखनऊ, 20 मई (हि.स.)। उप्र में अवध क्षेत्र की सुल्तानपुर संसदीय सीट पर अब तक 17 बार आम चुनाव हो चुका है। भाजपा ने यहां पांच बार जीत का परचम फहराया है। इस सीट पर सबसे छोटी और सबसे बड़ी जीत दोनों भाजपा के नाम दर्ज है। खास बात यह है कि यह रिकार्ड भाजपा के जिन प्रत्याशियों के नाम दर्ज हैं, उनका आपसी संबंध मां और बेटे का है।
पांच बार सुल्तानपुर की सुल्तान बनी भाजपा
भाजपा इस सीट से 1991, 1996, 1998, 2014 और 2019 यानी कुल पांच बार जीत का परचम फहरा चुकी है। लेकिन इस सीट पर सबसे बड़े अंतर से जीत का सेहरा पार्टी के युवा नेता वरुण गांधी के सिर बंधा है। और सबसे छोटी जीत पार्टी की वरिष्ठ सांसद मेनका गांधी के खाते में दर्ज है। वरुण गांधी भाजपा की वरिष्ठ नेता मेनका गांधी के पुत्र हैं।
1991 में पहली बार इस सीट पर भाजपा की जीत का कमल विश्वनाथ दास शास्त्री ने खिलाया। शास्त्री ने जनता दल के राम सिंह को 76953 वोटों के अंतर से शिकस्त दी। 1996 के चुनाव में भाजपा दूसरी बार इस सीट से विजयी रही। इस चुनाव में पार्टी प्रत्याशी देवेन्द्र बहादुर राय ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशी कमरुज़मा को 118,284 वोटों के अंतर से मात दी। 1998 के चुनाव में भाजपा के देवेन्द्र बहादुर राय ने 64,448 वोटों के अंतर से सपा की डॉ.रीता बहुगुणा जोशी को हराया।
मेनका गांधी की कम अंतर से बड़ी जीत
भाजपा के इस सीट पर अब तक हुई पांच बार की जीत में मेनका गांधी सबसे कम मार्जिन से 2019 के आम चुनाव में जीती। मेनका गांधी ने 14,526 वोट के अंतर से बसपा के चंद्र भद्रा सिंह सोनू का परास्त किया। इस सीट पर ये अब तक की सबसे छोटी जीत के तौर पर दर्ज है। गौरतलब है, बसपा के 1999 के आम चुनाव में बसपा के जयभद्र सिंह ने 14,591 मतों के अंतर से कुर्सी पर कब्जा किया था।
फिरोज वरुण गांधी ने दर्ज की सबसे बड़ी जीत
2014 के आम चुनाव में भाजपा की टिकट पर फिरोज वरुण गांधी चुनाव मैदान में उतरे। वरुण को 410,348 (42.51 प्रतिशत) वोट मिले। दूसरे स्थान पर रहे बसपा के पवन पाण्डेय के खाते में 231,446 (23.98 प्रतिशत) वोट आए। वरुण ने 1 लाख 78 हजार 902 वोट के अंतर से ये चुनाव जीता। सपा के शकील अहमद 23.63 फीसदी वोट शेयर और कांग्रेस की अमिता सिंह 4.35 वोट शेयर के साथ तीसरे ओर चौथे स्थान पर रहे। इस चुनाव में 56.64 फीसदी वोटिंग हुइ। कुल 9 लाख 64 हजार 981 वोटरों ने अपना मताधिकार को प्रयोग किया।
चुनावी इतिहास में छोटी और बड़ी जीत
सुल्तानपुर सीट के संसदीय इतिहास और आंकड़ों की बात करें तो 1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल के जुल्फिकारुल्ला 1 लाख, 65 हजार, 534, साल 1984 के चुनाव में कांग्रेस के राजकुमार सिंह 1 लाख, 60 हजार, 57, 2004 में बसपा के मोहम्मद ताहिर एक लाख, एक हजार, 810, 1996 के आम चुनाव में भाजपा के देवेन्द्र बहादुर राय एक लाख, 18 हजार, 284 वोटों के अंतर से चुनाव जीते हैं। वहीं छोटी जीत की बात करें तो 1957 के चुनाव में कांग्रेस के गोविंद मालवीय 22,883 वोटों से, 1980 में कांग्रेस की गिरिराज सिंह 26,081 वोट और 1989 के चुनाव में जनता दल राम सिंह 38,596 वोट के छोटे अंतर से जीत हासिल कर चुके हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ.आशीष वशिष्ठ/राजेश
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