लोस चुनाव : सीतापुर में 30 साल पहले जीती थी कांग्रेस, 2019 में रही तीसरी
लखनऊ, 12 मई (हि.स.)। किसी जमाने में सीतापुर संसदीय सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व हुआ करता था। इस सीट पर अब तक हुए 17 चुनाव में 6 बार जीत चुकी है। सीतापुर में जीत की हैट्रिक लगाने का करिश्मा भी कांग्रेस प्रत्याशी के खाते में दर्ज है। इस सीट पर कांग्रेस को पिछली जीत 1989 के चुनाव में नसीब हुई थी। तब से उसकी जीत का सूखा जारी है। पिछले तीन चुनाव में कांग्रेस यहां तीसरे और चौथे नंबर की पार्टी रही है। उल्लेखनी है कि, 2024 के चुनाव में सपा-कांग्रेस का गठबंधन है,और सीतापुर सीट कांग्रेस के खाते में है।
कांग्रेस ने जीता पहला चुनाव
इस सीट पर 1952 में हुए पहले और 1957 में हुए दूसरे चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विजयी हुए। 1962 और 1967 में जनसंघ प्रत्यााशी यहां से जीते। 1971 में कांग्रेस ने जीत के साथ वापसी की। हालांकि 1977 में कांग्रेस विरोधी लहर में यहां भारतीय लोकदल ने कांग्रेस को परास्त किया।
1980 के बाद कांग्रेस ने पीछे मुड़कर नहीं देखा
7वीं लोकसभा के चुनाव में साल 1980 में कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र कुमारी बाजपेई ने 42.25 फीसदी वोट हासिल कर विजय प्राप्त की। जनता पार्टी सेक्यूलर के हरगोविंद वर्मा दूसरे स्थान पर रहे। 1984 के आम चुनाव में कांग्रेस ने देशभर में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। सीतापुर में कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र कुमारी बाजपेयी ने 50.25 फीसदी वोट शेयर के साथ जीत हासिल की। दसूरे स्थान पर रहे लोकदल प्रत्याशी हरगोविंद वर्मा को 25.01 फीसदी वोट मिले।
1989 में मिली आखिरी जीत
9वीं लोकसभा के लिए साल 1989 के चुनाव में कांग्रेस ने तीसरी बार राजेन्द्र कुमारी बाजपेई को चुनाव मैदान में उतारा। बाजपेई ने पार्टी को निराश नहीं किया और जीत की हैट्रिक लगाकर कुर्सी पर कब्जा जमाया। राजेन्द्र कुमारी को कुल 159,906 (34.96 प्रतिशत) वोट मिले। जनता दल के शिव सेवक दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें 147,748 (32.92 प्रतिशत) वोट आए। बसपा के नसीर अहमद 116680 (26.00 प्रतिशत) पाकर तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में कुल 6 प्रत्याशी मैदान में थे, जिसमें 1 निर्दलीय था। तीन उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। कुल 4 लाख 48 हजार 777 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
पिछले तीन चुनाव में गिरा वोट शेयर
बात पिछले तीन चुनाव की जाए तो 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी राम लाल राही 16.64 फीसदी वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। ये चुनाव बसपा की कैसर जहां ने 34.20 फीसदी वोट शेयर के साथ जीता। 2014 में भाजपा के राजेश वर्मा 40.66 फीसदी वोट पाकर यहां से विजयी हुए। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी वैशाली अली 2.83 फीसदी वोट शेयर के साथ चौथे स्थान पर रहे। 17वीं लोकसभा के 2019 में हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कैसर जहां के खाते में 9.01 फीसदी वोट आए। कैसर जहां तीसरे स्थान पर रहीं। ये चुनाव भाजपा के राजेश वर्मा ने 48.3 फीसदी वोट शेयर के साथ जीता। खास बात यह है कि पिछले तीन चुनाव में लगातार कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई।
2024 चुनाव का हाल
सीतापुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए कुल 08 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस ने राकेश राठौर को मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के राजेश वर्मा और बहुजन समाज पार्टी के महेन्द्र सिंह यादव से है।
हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ.आशीष वशिष्ठ
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