लोस चुनाव : प्रतापगढ़ में सबसे छोटी जनता दल और सबसे बड़ी जीत अपना दल की

लोस चुनाव : प्रतापगढ़ में सबसे छोटी जनता दल और सबसे बड़ी जीत अपना दल की
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लोस चुनाव : प्रतापगढ़ में सबसे छोटी जनता दल और सबसे बड़ी जीत अपना दल की


प्रतापगढ़, 24 मई (हि.स.)। प्रतापगढ़ लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आई है, इससे पहले इस इलाके का बड़ा हिस्सा फूलपुर लोकसभा सीट के तहत आता था। यहां 16 लोकसभा चुनाव में 11 बार राज परिवार से जुड़े सदस्य जीतने में सफल रहे। इस सीट पर अब तक सबसे छोटी जीत जनता दल और सबसे बड़ी जीत अपना दल सोनेलाल के खाते में दर्ज है। बता दें, पिछले दो चुनाव में ये सीट एनडीए के कब्जे में है। 2014 में अपना दल सोनेलाल और 2019 में भाजपा विजयी रही।

सबसे छोटी जीत जनता दल के खाते में

10वीं लोकसभा के लिए वर्ष 1991 के आम चुनावा में इस सीट पर मुकाबला जनता दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच था। जनता दल की टिकट पर अभय प्रताप सिंह मैदान में थे। उन्हें 110,838 (30.68 प्रतिशत) वोट मिले। दूसरे स्थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी उदय राज मिश्रा को 107,142 (29.66 प्रतिशत) वोट हासिल हुए। कांटे की टक्कर में मात्र 3696 वोटों के अंतर से जनता दल प्रत्याशी ने ये मुकाबला जीत लिया। चुनाव में 3 लाख 61 हजार 266 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मुकाबले में 27 प्रत्याशी मैदान में थे और इस चुनाव में 40.30 फीसदी वोटिंग हुई। गौरतलब है, 1989 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजा दिनेश सिंह 4206 और 1999 के आम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमारी रत्ना सिंह ने 6003 वोटों के अंतर से जीतकर दिल्ली पहुंचे थे।

सबसे बड़ी जीत अपना दल का मिली

प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर सबसे बड़ी जीत अपना दल सोनेलाल के प्रत्याशी कुंवर हरिवंश सिंह को 2014 के आम चुनाव में हासिल हुई। एनडीए के सहयोगी अपना दल सोनेलाल के प्रत्याशी हरिवंश सिंह को 375,789 (42.01 प्रतिशत) वोट हासिल हुए। वहीं दूसरे स्थान पर रहे बसपा के आसिफ निजामुद्दीन सिद्दीकी के खाते में 207,567 (23.20 प्रतिशत) वोट आए। अपना दल प्रत्याशी ने एक लाख, 68 हजार 222 वोटों के अंतर से बड़ी जीत दर्ज की। इस सीट पर ये अब तक की सबसे बड़ी जीत के तौर पर दर्ज है। कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमारी रत्ना सिंह और सपा के प्रमोद कुमार सिंह तीसरे और चौथे स्थान पर रहे। दोनों की जमानत जब्त हुई।

1977 के आम चुनाव में भारतीय लोकदल प्रत्याशी रूप नाथ सिंह यादव ने 149,320 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। वहीं 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता 117,752 वोटों के अंतर से जीते थे। उल्लेखनीय है कि 2024 के चुनाव में संगम लाल गुप्ता भाजपा की टिकट पर मैदान में हैं। उनकी कोशिश इस सीट पर सबसे बड़ी जीत दर्ज करने की है।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.आशीष वशिष्ठ/राजेश

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