लोस चुनाव : गोरखपुर में कभी नहीं फहरा नीला परचम

लोस चुनाव : गोरखपुर में कभी नहीं फहरा नीला परचम
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लोस चुनाव : गोरखपुर में कभी नहीं फहरा नीला परचम


गोरखपुर, 30 मई (हि.स.)। देश की राजनीति में गोरखपुर संसदीय सीट का अपना अलग महत्व है। इस सीट के संसदीय इतिहास की बात करें तो अब तक इस क्षेत्र के लोगों ने 18 बार मतदान किया है, पर एक बार भी नीला परचम को फहराने का अवसर नहीं दिया। मतलब बसपा के खाते में यह सीट गई ही नहीं। बसपा इस सीट से 7 बार किस्मत आजमा चुकी है। इसमें पांच बार वो तीसरे, एक बार दूसरे और 1 बार चौथे स्थान पर रही। बता दें, इस सीट पर बसपा की पांच बार जमानत जब्त हुई है।

पहले चुनाव में तीसरा स्थान

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपने गठन के पांच वर्ष बाद नौवीं लोकसभा के लिए वर्ष 1989 में हुए चुनाव में पहली बार गोरखपुर सीट पर किस्मत आजमाई। बसपा प्रत्याशी शाहजहां 40152 (8.86 प्रतिशत) वोट पाकर चौथा स्थान पर रहे। चुनाव हिन्दू महासभा (एचएमएस) के महंत अवैद्यनाथ ने जीता। महंत अवैद्यनाथ के खाते में 193,821 (42.57 प्रतिशत) वोट आए। जनता दल (जेडी) के रामपाल सिंह 147,984 (32.64 प्रतिशत) वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे।

दूसरे चुनाव में कायम रहा तीसरा स्थान

वर्ष 1991 के आम चुनाव में बसपा ने अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा। 11वीं लोकसभा के लिए साल 1996 में हुए आम चुनाव में बसपा के केदार नाथ सिंह को 85,248 (15.23 प्रतिशत) वोट मिले और वो तीसरे स्थान पर रहे। चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महंत अवैद्यनाथ ने 42.23 फीसदी वोट शेयर के साथ जीता। कुल 559,700 वोटरों ने इस चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

तीसरे चुनाव में तीसरा स्थान

12वीं लोकसभा के 1998 में हुए चुनाव में बसपा ने पहले दो चुनाव में मिले तीसरे स्थान को बरकरार रखा, हालांकि इस चुनाव में बसपा के वोट शेयर में करीब 2 फीसदी की गिरावट आई। बसपा प्रत्याशी प्रहलाद यादव को 85,282 (13.54 प्रतिशत) वोट मिले। ये चुनाव भाजपा के महंत अवैद्यनाथ ने 42.62 फीसदी वोट शेयर के साथ जीता। चुनाव में कुल 629,765 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

चौथे चुनाव में तीसरा नंबर

सन् 1999 में बसपा ने गोरखपुर सीट पर अपना चौथा चुनाव लड़ा। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार उसके वोट शेयर में मामूली वृद्धि हुई। बसपा प्रत्याशी डी0पी0 यादव 93,852 (14.43 प्रतिशत) वोट प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। भाजपा प्रत्याशी योगी आदित्यनाथ ने जीतकर कुर्सी पर कब्जा किया। आदित्यनाथ का वोट शेयर 41.10 फीसदी रहा। समाजवादी पार्टी (सपा) के जमुना प्रसाद निषाद 39.97 फीसदी वोट शेयर के साथ दूसरे स्थान पर रहे।

पांचवें चुनाव में तीसरा, छठे में दूसरा नंबर

सन् 2004 के आम चुनाव में बसपा पांचवीं बार गोरखपुर के चुनाव मैदान में उतरी। बसपा प्रत्याशी प्रदीप कुमार निषाद 70,449 (10.22 प्रतिशत) वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। ये चुनाव भाजपा के योगी आदित्यनाथ ने जीता। उनका वोट शेयर 51.30 फीसदी था।

2009 के अपने छठे चुनाव में बसपा के विनय शंकर तिवारी 24.43 फीसदी वोट शेयर के साथ दूसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में गोरखपुर संसदीय सीट पर में बसपा पहली बार दूसरे स्थान पर काबिज हुई। चुनाव भाजपा के योगी आदित्यनाथ ने जीता। उनका वोट शेयर 53.85 फीसदी था। इस चुनाव में कुल 26 प्रत्याशी मैदान में थे। कुल 748,617 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव में 44.12 फीसदी वोटिंग हुई।

पिछले दो चुनाव का हाल

16वीं लोकसभा के लिए वर्ष 2014 में हुए चुनाव में बसपा के रामभुआल निषाद को 176,412 (116.95 प्रतिशत) वोट मिले। बसपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। ये चुनाव भाजपा के योगी आदित्यनाथ ने 539,127 (51.80 प्रतिशत) वोट प्राप्त कर जीता।

17वीं लोकसभा के चुनाव में बसपा-सपा के बीच चुनावी गठबंधन था। ये सीट सपा के खाते में आई। सपा की टिकट पर रामभुआल निषाद मैदान में उतरे। ये चुनाव भाजपा के रवि किशन ने जीता। सपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे।

2024 के चुनाव में बसपा

इस चुनाव में बसपा अकेले मैदान में है। सपा-कांग्रेस का गठबंधन है। गोरखपुर सीट से बसपा ने जावेद अशरफ उर्फ जावेद सिमनानी को मैदान में उतारा है। भाजपा ने मौजूदा सांसद रवीन्द्र शुक्ला उर्फ रवि किशन और सपा ने काजल निषाद को मैदान में उतारा है। इस सीट पर कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.आशीष वशिष्ठ/राजेश

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