लोस चुनाव : उप्र की आर्थिक राजधानी गौतमबुद्धनगर किसे करेगी वोटों से मालामाल
लखनऊ, 06 अप्रैल (हि.स.)। गौतमबुद्ध नगर जिला 6 सितंबर 1997 को अस्तित्व में आया। यह जिला गाजियाबाद और बुलंदशहर को अलग करके बना था। यहां के नलगढ़ा गांव में भगत सिंह ने भूमिगत रहते हुए कई बम-परीक्षण किए थे। वहां आज भी एक बहुत बड़ा पत्थर भगत सिंह की याद में सुरक्षित रखा हुआ है। गौतमबुद्ध नगर जिला उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा प्रमुख मायावती का गृह जनपद है तो यूपी की औद्योगिक राजधानी कहा जाने वाला नोएडा शहर भी इसी में शामिल है। एनसीआर में आने वाली गौतमबुद्ध नगर सीट वीआईपी सीटों में से एक है। इस सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोट डाले जांएगे।
गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट का इतिहास
1952 में हुए देश के पहले संसदीय चुनाव के वक्त गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट अस्तित्व में नहीं थी। तब यह क्षेत्र बुलंदशहर लोकसभा सीट का हिस्सा था। 1962 में तीसरे लोकसभा चुनाव के दौरान खुर्जा लोकसभा सीट का गठन किया गया और इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित खुर्जा सीट में शमिल कर दिया गया। उस दौरान इस सीट पर कांग्रेस का मुकाबला जनता पार्टी,जनता दल और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से होता था। 1992 में राम मंदिर का मुद्दा उछलने के बाद बीजेपी यहां न सिर्फ टक्कर में आई, बल्कि 1996 से 2004 तक इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा रहा। 2009 में नए परिसीमन के साथ जहां कुछ क्षेत्र अलग हुआ, वहीं यह गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट बनी और इसे सामान्य सीट कर दिया गया। 2009 में गौतमबुद्ध नगर सीट पर पहला संसदीय चुनाव हुआ था, जिसमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सुरेंद्र सिंह नागर को जीत मिली थी। इसके बाद 2014 और 2019 में भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा ने जीत का परचम फहराया। अभी तक इस सीट पर सपा की साइकिल नहीं दौड़ पाई है।
2019 आम चुनाव के नतीजे
साल 2019 के लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा ने 830812 (59.64 फीसदी) वोट पाकर बसपा के सतबीर को 3 लाख से ज्यादा वोटों के भारी अंतर से हराया था। बसपा के खाते में 493890 (35.45 फीसदी) वोट ही आए। वहीं कांग्रेस को 42077 (3.02 फीसदी) वोटों से ही संतोष करना पड़ा।
2014 में यहां 60 फीसदी मतदान ही हुआ था। इसमें भारतीय जनता पार्टी के डॉ. महेश शर्मा ने 599,702 (50 फीसदी) मत प्राप्त कर विजय पताका लहराई थी। वहीं समाजवादी पार्टी के नरेंद्र भाटी को कुल 319,490 मत प्राप्त हुए थे। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सतीश कुमार 198,237 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे थे।
किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार
भाजपा ने दो बार के विजेता डॉ. महेश शर्मा पर तीसरी बार भरोसा जताया है। इंडी गठबंधन में ये सीट सपा के खाते में है। सपा ने राहुल अवाना को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव की उपविजेता बसपा ने राजेन्द्र सिंह सोलंकी पर दांव लगाया है।
गौतमबुद्धनगर सीट का जातीय समीकरण
गौतमब़ुद्ध नगर लोकसभा उत्तर प्रदेश की सीट नंबर-13 है। इस संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 26 लाख 20 हज़ार है। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 14 लाख 21 हज़ार है, तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 11 लाख 98 हज़ार 268 है। इस संसदीय क्षेत्र में गुर्जर, ठाकुर, दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अधिक है। यहां सबसे ज्यादा वोटर राजपूत समुदाय से हैं। इस क्षेत्र में राजपूत वोटों की संख्या करीब 4.5 लाख है। जबकि ब्राह्मण वोटर्स की तादाद करीब 4 लाख, मुस्लिम वोटर्स की संख्या 3.5 लाख और गुर्जर वोटर करीब 4 लाख है। इस सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या भी 3.5 लाख है। बाकी वोटर अन्य में शामिल हैं।
विधानसभा सीटों का हाल
गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र में नोएडा,दादरी,जेवर,सिकंदराबाद और खुर्जा पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं। भाजपा का पांचों सीटों पर का कब्जा है। नोएडा से पंकज सिंह, दादरी से तेजपाल सिंह नागर, जेवर से धीरेन्द्र सिंह, सिकंदराबाद से लक्ष्मीराज सिंह और खुर्जा सीट से मीनाक्षी सिंह विधायक हैं। सिंकदराबाद और खुर्जा सुरक्षित विधानसभा सीट बुलन्दशहर जिले में आती हैं।
दलों की जीत का गणित
ब्राह्मण, ठाकुर और पिछड़ा वर्ग के समीकरण ने गौतमबुद्ध नगर सीट के चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। भाजपा तीसरी बार अपनी जीत को दोहराने की फिराक में है तो सपा, गठबंधन में गौतमबुद्ध नगर सीट को जीत कर नया अध्याय लिखना चाहती है। भाजपा ने दो चुनाव में ही 28 प्रतिशत मत बढ़ाने में सफलता हासिल की है। इस बार भाजपा जहां रालोद के समर्थन से और मजबूती के साथ मैदान में उतरी है। वहीं सपा कांग्रेस के साथ गठबंधन करके भाजपा को चुनौती दे रही है। बसपा को अपनी सुप्रीमो के गृह जनपद वाली सीट पर जीत का भरोसा है। मतदाता पार्टी,बिरादरी का साथ देंगे या मुद्दों को तरजीह देंगे। चुनाव में यह सवाल सामने है।
गौतमबुद्धनगर बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव एडवोकेट तरुण गुप्ता के अनुसार, भाजपा प्रत्याशी डॉ.महेश शर्मा की छवि साफ सुथरी है, उन्होंने यहां विकास कार्य भी कराएं। जिसका लाभ भाजपा को मिलेगा। इस सीट पर भाजपा के सामने कोई बड़ी चुनौती नहीं है।
गौतमबुद्ध नगर से कौन कब बना सांसद
2009 सुरेन्द्र सिंह नागर (बसपा)
2014 डॉ. महेश कुमा शर्मा (भाजपा)
2019 डॉ. महेश कुमार शर्मा (भाजपा)
हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. आशीष वशिष्ठ/राजेश
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