लोस चुनाव : चार जिलों के लाखों लोगों को दिल्ली से जोड़ गए रामचंद्र विकल

लोस चुनाव : चार जिलों के लाखों लोगों को दिल्ली से जोड़ गए रामचंद्र विकल
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लोस चुनाव : चार जिलों के लाखों लोगों को दिल्ली से जोड़ गए रामचंद्र विकल


मेरठ, 15 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की धरती केवल खेती के लिए ही उपजाऊ नहीं रही है, बल्कि यहां जमीन सियासी रूप से भी उर्वर रही है। यहां से धरती ने देश को प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश को मुख्यमंत्री तक दिए। इनके अलावा भी कई जनप्रिय नेता हुए, जिन्हें जनता आज भी याद करती है। बागपत से ऐसे ही लोकप्रिय सांसद रामचंद्र विकल हुए, जिनके प्रयासों से चार जनपदों के लाखों लोग सीधे दिल्ली से जुड़ गए। लोग आज भी रामचंद्र विकल के दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेल लाइन बनवाने के प्रयास को याद करते हैं।

बागपत लोकसभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह 1977 में पहली बार सांसद चुने गए। इस सीट पर 1971 में ऐसे लोकप्रिय सांसद हुए, जिन्हें उनके कार्यों के लिए आज भी याद किया जाता है। गाजियाबाद जनपद (उस समय मेरठ) के दादरी क्षेत्र के बसंतपुर नया गांव निवासी रामचंद्र विकल 1967 में सिकंदराबाद विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बने। 1971 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए रामचंद्र विकल बागपत आ पहुंचे। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव प्रचार करते समय रामचंद्र विकल को इस क्षेत्र की बड़ी समस्या का पता चला।

बागपत के वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर त्यागी (मुकारी) बताते हैं कि 1965 में पुरानी दिल्ली से शाहदरा होकर खेकड़ा-बड़ौत-शामली-सहारनपुर को जाने वाली छोटी रेल लाइन बंद हो गई थी। इससे गाजियाबाद (उस समय मेरठ जिला), बागपत (उस समय मेरठ जनपद), शामली (उस समय मुजफ्फरनगर जिला) और सहारनपुर जनपद के गांवों के लाखों लोगों का राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से संपर्क कट गया। लाखों नौकरी करने वाले लोगों को समस्या होने लगी और दिल्ली में दूध की आपूर्ति करने वाले लोगों का काम-धंधा छिन गया। 1971 में चुनाव प्रचार करते समय रामचंद्र विकल ने इस समस्या को समझा और लोगों से चुनाव जीतने के बाद नई रेल लाइन चालू करवाने का वायदा किया। लोगों ने इसके बाद रामचंद्र विकल को चुनाव जिताकर संसद में भेज दिया।

सांसद रामचंद्र विकल ने नई रेल लाइन बिछवाने को अपना ध्येय बना लिया और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लगातार रेल लाइन बिछवाने की मांग करने लगे। उनकी मेहनत रंग लाई और केंद्र सरकार ने बड़ी रेल लाइन को मंजूरी दे दी। जब नई रेल लाइन बिछकर तैयार हो गई तो प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खेकड़ा रेलवे स्टेशन पर आकर दो दिसम्बर 1973 को नई रेल लाइन का लोकार्पण किया। इससे चार जिलों के लाखों लोग फिर से दिल्ली से जुड़ गए और उनकी रोजी-रोटी चल निकली।

वरिष्ठ पत्रकार नाजिम आजाद बताते हैं कि बागपत के लोग आज भी सांसद रामचंद्र विकल को उनके अतुलनीय योगदान को याद करते हैं। लोग कहते हैं कि रामचंद्र विकल ने नई रेल लाइन चलावा कर चार जनपदों के लोगों की किस्मत बदल दी। आज दिल्ली-खेकड़ा-शामली-सहारनपुर रेल लाइन का विद्युतीकरण हो चुका है और प्रतिदिन आवागमन करके लाखों लोग अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. कुलदीप/मोहित

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