लोस-2024 : राजनैतिक दलों को पढ़ाया आदर्श आचरण का पाठ

लोस-2024 : राजनैतिक दलों को पढ़ाया आदर्श आचरण का पाठ
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लोस-2024 : राजनैतिक दलों को पढ़ाया आदर्श आचरण का पाठ


मीरजापुर, 18 मार्च (हि.स.)। लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 को निपष्क्ष, शान्तिपूर्ण व पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराने के दृष्टिगत जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका निरंजन व पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन ने सभी राजनैतिक दलों, सहायक रिटर्निंग आफिसर के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को बैठक कर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित आचार संहिता के नियमावली के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव की शुचिता को बनाये रखने और चुनाव की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सभी लोग अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करते हुए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों व आदर्श आचार संहिता पालन सुनिश्चित करें।

उन्होंने जनपद में चुनाव प्रक्रिया के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि सात मई को निर्वाचन की अधिसूचना तथा 14 को निर्देशन व 15 को नाम निर्देशनों की संवीक्षा तथा नाम वापसी के लिए 17 मई निर्धारित की गई हैं। जनपद में एक जून को मतदान तथा चार जून को मतगणना सम्पन्न की जायेगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सख्त लहजे में कहा कि आदर्श आचार संहिता का अक्षरश: पालन किया जाए। जिला प्रशासन आदर्श आचार संहिता का पालन कराने के प्रति कटिबद्ध है और किसी भी स्तर पर उल्लंघन करने पर सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी शिव प्रताप शुक्ल ने पूर्व लिखित अनुमति के बिना सार्वजनिक बैंठकों और जुलूसों में लाउडस्पीकर का कोई उपयोग नहीं किया जाएगा। सार्वजनिक उद्घोषण प्रणाली, ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग रात्रि 10 से प्रातः छह बजे मध्य नहीं किया जाएगा।

नगदी की लेन-देने से बचे

आदर्श आचार संहिता व निर्वाचन के दौरान राजनैतिक दलों अथवा प्रत्याशियों की ओर से क्या किया जाना, क्या नहीं किया जाना है, के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बताया कि निर्वाचन कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए राजनैतिक दल के पदाधिकारी, कार्यकर्ता अथवा प्रत्याशी नगदी की लेन-देने से बचे। राजनैतिक दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के निजी जीवन से सम्बन्धित किसी भी ऐसे पहलू, जो सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़ा न हो, की आलोचना न की जाए, चुनाव के दौरान अन्य राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों की आलोचना के केवल उनकी नीतियो, कार्यक्रमाें, पिछले रिकार्ड और कार्याें तक ही सीमित होनी चाहिए।

ई-सुविधा पोर्टल से ली जा सकेगी अनुमति

किसी जुलूस के लिए बैठक, जनसभा आदि के लिए ई-सुविधा पोर्टल से समक्ष रिटर्निंग अधिकारी से अनुमति लेना आवश्यक होगा तथा जुलूस के आरम्भ, समाप्ति एवं मार्ग का निर्धारण कर स्थानीय पुलिस अधिकारियों से पूर्व से अनुमति प्राप्त करनी होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/मोहित

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