लोकसभा चुनाव में विमुक्त एवं घूमंतू जनजातियां भाजपा को देगी तगड़ा झटका
-जनसंघ से लेकर भाजपा को वोट देने वाली विमुक्ति एवं जनजातियों के संगठन ने मीडिया के सामने किया एलान
-सत्तारूढ़ दल के खिलाफ लोकसभा चुनाव में मतदान करने को लामबंद हो रही विमुक्त एवं घूमंतू जनजातियां
हमीरपुर, 02 मार्च (हि.स.)। प्रदेश में विमुक्त एवं घूमंतू जन जातियों को जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाने पर इस समुदाय ने इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को तगड़ा झटका देने का एलान किया है। विमुक्त एवं घूमंतू जनजाति विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण सिंह दादा ने शनिवार को यहां दो टूक शब्दों में कहा कि यदि शीघ्र ही उत्तर प्रदेश में इन समुदाय को जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया तो ये बेलगाम नौकरशाही लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा को भारी नुकसान पहुंचाएगी।
जिला पंचायत में शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि विमुक्त एवं घूमंतू जनजातियां अपनी परम्परा और संस्कृति से सदैव जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी को शत प्रतिशत मतदान करती रही हैं, लेकिन अब वे अपनी पहचान के संकट को और ज्यादा बर्दाश्त नहीं करेगी। इसीलिए फैसला लिया गया है कि ये जनजातियां शत प्रतिशत मतदान भाजपा के विरोध में इस बार करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हमारी देशभक्ति की भावना और सनातन संस्कृति के भाव का बेजा इस्तेमाल करती है। उन्होंने कहा कि शासन की लगातार उपेक्षा के कारण अंग्रेजों के दुश्मन जरूर थे मगर शासन सत्ता में बैठे काले अंग्रेजों की आंख की भी किरकिरी आज बने हुए है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने भी विमुक्त एवं घूमंतू जनजातियों के प्रमाणपत्र जारी किए जाने को कहा था, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में मंत्री अनिल राजभर ने भी जनजातियों को प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए नया शासनादेश जारी कराने का आश्वासन दिया था लेकिन ये उनका सिर्फ खोखला चुनावी वादा था। विमुक्त एवं घूमंतू जनजाति विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने साफ शब्दों में कहा कि पूरे प्रदेश में विमुक्त एवं घूमंतू जनजातियों की आबादी चौबीस फीसदी से अधिक है लेकिन सत्तारूढ़ दल ये भूल गया है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से गुजरता है।
विमुक्त एवं घूमंतू जनजाति विकास परिषद के राष्ट्रीय बौद्धिक प्रकोष्ठ संयोजक डाॅ. बीके लोधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक ऐसा बड़ा राज्य है जहां देश की विमुक्त जातियों की सर्वाधिक जनसंख्या निवास करती है। अंग्रेजों के राज्य में अपनी विद्रोही जनजातियों को क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट 1871 के तहत जन्मजात आपराधिक जनजाति के रूप में अधिसूचित किया गया था। देश के कुछ गद्दारों के कारण 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को दबा दिया गया था। उन्होंने कहा कि भारत और राज्य सरकार ने विमुक्त जातियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू की लेकिन प्रदेश सरकार ने आज तक उन्हें बिना जिले वार प्रतिबंध के सभी जिलों में विमुक्त जनजाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए है। इसीलिए ये जातियां शिक्षा के अधिकार से वंचित ही रहीं। इस मौके पर अजय राजपूत मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/मोहित
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