राष्ट्र की अभिव्यक्ति है भारतीय संविधान : डॉ. शैलेश
गोरखपुर, 26 नवंबर (हि.स.)। संविधान दिवस पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में एनसीसी की तरफ से व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के विधि विभाग के सहायक आचार्य डॉ. शैलेश सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान राष्ट्र की अभिव्यक्ति है। इसकी प्रस्तावना वास्तव में भारतीयता की आत्मा है।
डॉ. शैलेश ने कहा कि भारतीय संविधान विश्व के श्रेष्ठ संविधानों में से एक है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। लोकतांत्रिक प्रणाली के संचालन में भारत ने अपनी दक्षता और परिपक्वता का सतत प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि सामान्य अर्थों में संविधान, साहित्य के समान सरस विषय नहीं होता। यह तो राष्ट्र के विधि-विधान, आचरण, मान-मूल्य-मर्यादा, करणीय-अकरणीय का निदर्शन करता है। मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए एनसीसी अधिकारी डॉ. संदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि भारत का संविधान राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है।
संविधान दिवस पर कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह और कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने सभी को शुभकामनाएं दीं। जबकि व्याख्यान के आयोजन में आयुर्वेद विभाग, संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय, कृषि संकाय, पैरामेडिकल संकाय, फार्मेसी संकाय के सभी शिक्षकगण और विद्यार्थी उपस्थिति रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय
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