गांधी का जीवन, विचार एवं कर्म सभी के लिए प्रासंगिक एवं प्रेरक : प्रो. मनमोहन कृष्ण

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गांधी का जीवन, विचार एवं कर्म सभी के लिए प्रासंगिक एवं प्रेरक : प्रो. मनमोहन कृष्ण


- इविवि के गांधी विचार एवं शांति अध्ययन संस्थान में व्याख्यान

प्रयागराज, 19 दिसम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गांधी विचार एवं शांति अध्ययन संस्थान में ’गांधी संगत’ के अंतर्गत विशिष्ट व्याख्यान एवं प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि वरिष्ठ गांधीवादी विचारक प्रो. मनमोहन कृष्ण ने गांधी को याद करते हुए केवल तथ्य प्राप्त करने तक सीमित न रहकर उसके अन्वेषण पर कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गांधी का जीवन हमारे सामने असीम सम्भावनाओं के द्वार खोलता है। गांधी का जीवन, विचार और कर्म आज हम सभी के लिए बेहद प्रासंगिक एवं प्रेरक हैं।

उन्होंने युवाओं को गांधी के कार्य से बहुत कुछ सीखने की सलाह दी। साथ ही युवा पीढ़ी को संकेत किया कि आप केवल गांधी के बारे में सुनने पर विश्वास ना करें बल्कि स्वयं किताबों, पत्रिकाओं और उपलब्ध व्याख्यानों को सुनें। उन्होंने गांधी के राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले के उपदेश का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने गांधी को भारत में कोई भी काम करने से पहले पूरे देश का भ्रमण करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा गांधी किसी भी सभा में बोलने से पहले फील्ड वर्क बहुत करते थे। गांधी कहते थे कि जो व्यक्ति शारीरिक श्रम नहीं करता, उसका सीधा सा अर्थ है वह दूसरों के श्रम का दुरुपयोग करता है। दूसरों का शोषण करता है। उन्होंने कहा कि मानव समाज कैसा होना चाहिए यही गांधी के चिंतन का सार है। स्वयं की आलोचना सुनना हमें गांधी से सीखने की जरूरत है। गांधी को बहुत बड़ा जादूगर बताते हुए कहा “गांधी ऐसा जादूगर था, जो कह देता था वह हो जाता था।“ पूरा देश उनके पीछे चल देता था।

प्रारम्भ में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर संतोष भदौरिया ने संस्थान में पिछले एक वर्ष में सम्पन्न अनेक गतिविधियों से अवगत कराया। उन्होंने संगोष्ठी, कार्यशाला, गांधी सप्ताह, विशिष्ट व्याख्यान, किशोर केंद्रित कार्यशाला, अनुवाद कार्यशाला, किताब पर बात आदि कार्यक्रमों का जिक्र किया। व्याख्यान के बाद ’गांधी सप्ताह’ के प्रतिभागी विजेताओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। संचालन संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तोषी आनंद एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुरेंद्र कुमार ने किया। इस दौरान डॉ राजेश सिंह, हरिओम कुमार सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / विद्या कान्त/प्रभात

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