अंतिम सोमवार पर जलाभिषेक के लिए तिरंगा लहराते व जयकारे लगाते हुए लौटे स्थानीय कांवड़ बेड़े

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अंतिम सोमवार पर जलाभिषेक के लिए तिरंगा लहराते व जयकारे लगाते हुए लौटे स्थानीय कांवड़ बेड़े


अंतिम सोमवार पर जलाभिषेक के लिए तिरंगा लहराते व जयकारे लगाते हुए लौटे स्थानीय कांवड़ बेड़े


मुरादाबाद, 18 अगस्त (हि.स.)। सावन मास के पांचवें व अंतिम सोमवार पर जलाभिषेक करने के लिए स्थानीय कांवड़ बेड़े को रविवार सुबह से हरिद्वार व बृजघाट (गढ़मुक्तेश्वर) से कांवड़ लेकर आवागमन जारी है। शिवभक्त डीजे के साथ कांवड़ पर तिरंगा लहराते हुए और बम-बम भोले के जयकारे लगाते हुए आ रहे हैं। वहीं डाक कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु ब्रजघाट के लिए रवाना हो रहे हैं‌। सभी कांवड़ बेड़े व शिव भक्त सोमवार को प्राचीन सिद्धपीठ मंदिरों व काॅलोनी और मोहल्लों के मंदिरों में कांवड़ चढ़कर अपना संकल्प पूरा करेंगे।

गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को मुरादाबाद से बरेली, बदायूं, संभल, चंदौसी, रामपुर, बिलासपुर, पीलीभीत आदि के कांवड़ बेड़े गुजरे थे। यह सभी भी आज अपने गंतव्यों पर पहुंच गए होंगे और कल अंतिम सोमवार पर जलाभिषेक करेंगे। आज सुबह से दिल्ली रोड व कांठ रोड पर स्थानीय कांवड़ बेड़ों का आवागमन जारी है।

सावन माह के प्रत्येक सोमवार पर बाबा कामेश्वर नाथ की पूजा-अर्चना और शिव परिवार पर जलाभिषेक का बहुत महत्व है। प्रत्येक वर्ष श्रावण मास में मुरादाबाद और बरेली मंडल के सभी जनपदों से शिवभक्त कांवड़िये हरिद्वार (उत्तराखंड) व ब्रजघाट (गढ़मुक्तेश्वर) से अपनी कांवड़ में गंगाजल भरकर पैदल व वाहनों से लेकर आते हैं और सोमवार व शिवतेरस पर शिव परिवार पर विधि विधान से जलाभिषेक कर अपना संकल्प पूरा करते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जयसवाल / Siyaram Pandey

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