वैश्वीकरण के इस दौर में हमें भाषा के संरक्षण का बीड़ा उठाना पड़ेगा: ऋषि कुमार शर्मा

वैश्वीकरण के इस दौर में हमें भाषा के संरक्षण का बीड़ा उठाना पड़ेगा: ऋषि कुमार शर्मा
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वैश्वीकरण के इस दौर में हमें भाषा के संरक्षण का बीड़ा उठाना पड़ेगा: ऋषि कुमार शर्मा


वैश्वीकरण के इस दौर में हमें भाषा के संरक्षण का बीड़ा उठाना पड़ेगा: ऋषि कुमार शर्मा






















गाजियाबाद,08अप्रैल(हि.स.)। हिंदी अकादमी के उप सचिव ऋषि कुमार शर्मा ने यहां कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में हमें भाषा के संरक्षण का बीड़ा उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अकादमिक स्तर पर उन्हें यह अवसर मिला है कि आज अकादमी आपके दरवाजे तक आ रही है। कविता आपके द्वार के सार्थक नतीजे भी देखने को मिल रहे हैं।

श्री ऋषि नेहरू नगर स्थित सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में आयोजित महफिल ए बारादरी के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

कार्यक्रम अध्यक्ष व शायर भारत दीप माथुर ने कहा कि वैचारिक विविधता के क्षेत्र में बारादरी बेमिसाल काम कर रही है। आगरा से आए माथुर ने अपने अशआर पर जमकर दाद बटोरी। उन्होंने फरमाया ''तुम्हारे शहर में उल्फत की क्या खपत होगी, तुम्हारे शहर में मैं कारोबार करना चाहता हूं।'' कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पंकज शर्मा ने अपने गीतों पर खूब सराहना बटोरी। उनकी पंक्तियां ''जब मैं तन्हा हो जाऊंगा, गुमनामी में खो जाऊंगा, दुनिया के बंधन टूटेंगे, जब मेरे मुझ से रुठेंगे, तब मेरे दीवान से चुनकर, कोई नज़्म सुनाओगी क्या, मुझसे मिलने आओगी क्या, बोलो प्रीत निभाओगी क्या...'' विशेष रूप से सराही गईं। बारादरी के अध्यक्ष गोविंद गुलशन ने ''मुझको इस बार दुआओं का असर देखना है, कैसे बच पाता है आंधी में शजर देखना है'' पर भरपूर दाद बटोरी। बारादरी की संस्थापिका डॉ. माला कपूर ''गौहर'' के शेर ''सारे मंजर पर छा रहा है कोई, हर जगह मुस्कुरा रहा है कोई। सात पर्दे हैं और पर्दे से अपना जलवा दिखा रहा है कोई'' भी सराहे गए। सुरेंद्र सिंघल ने अपने शेर ''मैं भी हादसों में शरीर था, मैं भी खबरों में ही सिमट गया, मेरा जिक्र जिन में था कभी, वही कतरने मेरे साथ हैं'' पर भरपूर दाद बटोरी।

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. तारा गुप्ता की सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन खुशबू सक्सेना ने किया। सुभाष चंदर, जगदीश पंकज, बी. के. वर्मा ''शैदी'', डॉ. वीना मित्तल, डॉ. सुधीर त्यागी, आलोक यात्री, उर्वशी अग्रवाल ''उर्वी'', अनिमेष शर्मा आतिश, सुभाष अखिल, नेहा वैद, सोनम यादव, देवेन्द्र शर्मा ''देव'', तूलिका सेठ, प्रीति त्रिपाठी, उर्मिल शर्मा व डॉ. शगुन गोयल सहित बड़ी संख्या में काव्यानुरागी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली

/सियाराम

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