सावन के दूसरे सोमवार पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी,हर—हर गंगे की गूंज
—नमामि गंगे के सदस्यों ने दशाश्वमेघघाट पर लोगों को गंगा की निर्मलता के लिए किया जागरूक
वाराणसी, 29 जुलाई (हि.स.)। पवित्र सावन माह के दूसरे सोमवार को तड़के लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और दानपुण्य किया । गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में कतारबद्ध होकर झांकी दर्शन कर बाहर बने पात्र के जरिए जलाभिषेक भी किया। सावन के दूसरे सोमवार पर ही नमामि गंगे ने दशाश्वमेध घाट पर गंगा निर्मलीकरण का आवाह्न किया। गंगा स्नान के लिए घाट पर उपस्थित श्रद्धालुओं को स्वच्छता का संकल्प दिलाया।
राष्ट्रध्वज, स्वच्छता स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर लोगों को जागरूक किया। 'आओ घर-घर अलख जगाएं- मां गंगा को निर्मल बनाएं' व 'सबका साथ हो गंगा साफ हो' के उद्घोष के बीच मां गंगा की आरती उतारी गई। गंगा किनारे की गंदगी को साफ किया गया। सफाई में श्रद्धालुओं ने भी हाथ बंटाया। संयोजक राजेश शुक्ला ने ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से दशाश्वमेध घाट पर हजारों की संख्या में मौजूद स्नानार्थियों से पॉलीथिन का उपयोग न करने की अपील की । कहा कि गंगा को प्रदूषित कर रही सड़ चुकी पूजन सामग्री , पुराने - नए कपड़े , प्लास्टिक , शीशे फोटो फ्रेम सहित तस्वीरें पॉलीथिन में भरकर गंगा में प्रवाहित करने से गंगा प्रदूषित हो रही है। जिसका प्रतिकूल प्रभाव मानव के स्वास्थ्य व पर्यावरण पर पड़ रहा है । पॉलीथिन में खाद्य पदार्थों का प्रयोग कर हम कई बीमारियों को निमंत्रण दे रहे हैं । शहरों की नालियां सीवर इत्यादि जाम हो जा रहे हैं । जीव-जंतुओं पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है । जीवनदायिनी नदियां प्रदूषित हो रहीं हैं। हमें पॉलीथिन से हो रहे नुक्सान को देखते हुए इसका परित्याग करना होगा ।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / बृजनंदन यादव
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