कुशीनगर के एक दर्जन गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, खतरे का निशान पार गई नारायणी
–छितौनी बांध के कई क्षेत्रों में 19सेंमी. ऊपर बह रहा पानी
कुशीनगर, 07 जून (हि.स.)। कुशीनगर में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। लोग गांव छोड़ सुरक्षित ठिकानों पर निकल रहे हैं। नेपाल से निकलने वाली नारायणी नदी जिसे बड़ी गंडक नदी भी कहा जाता है, खतरे के निशान को पार कर गई है। खतरे की आशंका देख बीती रात प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा।
रेताक्षेत्र के ग्राम मरिचहवा, बकुलादह, शिवपुर, नारायनपुर, हरिहरपुर सहित महराजगंज जिला के निचलौल ब्लॉक के ग्राम शिकारपुर, भोतहा में दो से तीन फुट ऊपर बाढ़ का पानी बह रहा है।
नेपाल के पहाड़ तथा बड़ी गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में तीन दिनों से हो रही भारी वर्षा के चलते नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। शनिवार सुबह बालमिकीनगर बैराज से 1 लाख 19 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो दोपहर में बढ़कर 1 लाख 89 हजार, 2 बजे दिन में 2.18 लाख,तीन बजे 2.68 लाख, 5 बजे 2.90 लाख क्यूसेक डिस्चार्ज होने से नदी छितौनी बांध के भैसहा में खतरें के निशान को पार कर गई।
रात बैराज से 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना पर बाढ़ खंड के अभियंता, एसडीएम खड्डा सहित पुलिस, प्रशासन नदी के तटवर्ती व रेता क्षेत्र के गांवों में की सूचना देने के साथ बाढ़ में फसे लोगों, पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुचानें की व्यवस्था में जुट गए।
बाढ़ खंड के एसडीओ मनोरंजन कुमार के अनुसार नदी में पानी बढ़ने से छितौनी बांध के कुछ स्थानों पर नदी का दबाव बना हुआ है। जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने बताया की प्रशासन अलर्ट मोड में है।
हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल/राजेश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।