इकलौते चिराग के छिनने से कुशाग्र के परिजन नहीं मनाएंगे दीवाली
कानपुर, 11 नवम्बर (हि.स.)। दीपावली से पहले कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के इकलौते पुत्र कुशाग्र की हत्या कर दी गई। इससे परिवार सदमें से उबर नहीं पा रहा है और परिजन अबकी बार दीवाली का त्योहार नहीं मनाएंगे। परिजनों की मांग है कि हत्यारोपियों को फांसी से नीचे सजा नहीं मिलनी चाहिये।
रायपुरवा थाना क्षेत्र में रहने वाले सूरत के कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया का 16 वर्षीय पुत्र कुशाग्र 13 दिन पहले लापता हो गया था। इस दौरान उनके घर पर फिरौती भरा पत्र भी आया लेकिन फिरौती पंहुचने से पहले ही हत्यारोपियों ने कुशाग्र की हत्या कर दी। पुलिस ने अगले ही दिन शव को कब्जे में लेते हुए तीन हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब दीपावली का त्योहार आ गया तो परिजन इतने सदमें में हैं कि त्योहार को न मनाने का निर्णय लिया।
पिता मनीष का कहना है कि जब इकलौता बेटा ही दुनिया में न रहा तो त्योहार की खुशियां कैसे मनाये। उन्होंने कहा कि हमारी आखिरी ख्वाहिस है कि जिस प्रकार रुपयों के लालच में बेटे को तड़पा तड़पाकर हत्यारोपियों ने मारा है और अल्लाह हू अकबर लिखकर गुमराह करने के लिए फिरौती पत्र भेजा है, उनकी सजा फांसी से कम नहीं होनी चाहिये। परिजन आज छोटी दीवाली में सुबकते रहे और मां सोनिया बेटे की तस्वीर देखकर फूट-फूटकर रोती बिलखती रहीं।
पिता का कहना है कि पुलिस अपना काम करे लेकिन चार्जशीट दाखिल करने में जल्दबाजी न करे। परिजनों ने कहा कि हत्याकांड में जिस तरह से पुलिस ने आशनाई का बयान जारी किया था, उससे परिवार को बहुत बड़ा धक्का लगा था। परिवार बहुत सदमे में है। वे लोग हमेशा भाजपा सरकार के साथ खड़े रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग है कि इस संकट की घड़ी में हम लोगों का साथ देना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/राजेश
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