फसल अवशेष को लेकर वैज्ञानिकों ने छात्रों को किया जागरुक

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फसल अवशेष को लेकर वैज्ञानिकों ने छात्रों को किया जागरुक


कानपुर, 15 दिसंबर (हि. स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में कम्पनी बाग़ स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, दलीप नगर ने फसल अवशेष योजना के तहत एक स्कूल स्तरीय विद्यार्थी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। यह जानकारी सोमवार को कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के प्रभारी डॉ अजय कुमार सिंह ने दी।

केंद्र प्रभारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम जनता इंटर कॉलेज कहींजरी में संपन्न हुआ। जिसमें 125 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने छात्रों को बताया कि किसान फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषण होता है और मिट्टी के पोषक तत्वों का नुकसान होता है। उन्होंने पराली को खेत में मिलाने से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ने और सब्जियों एवं फलों की गुणवत्ता में सुधार होने के बारे में जानकारी दी।

डॉ. निमिषा अवस्थी ने पशुओं के गोबर से बनी खाद को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति और जल धारण क्षमता बढ़ने के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक दया शंकर त्रिपाठी और अन्य अध्यापक उपस्थित रहे। फसल अवशेष प्रबंधन पर निबंध प्रतियोगिता में रजनीश यादव प्रथम (कक्षा 12) ने प्रथम, लक्ष्मी तिवारी (कक्षा 12) ने द्वितीय और प्रियांशी सिंह (कक्षा 12) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

चित्रलेखन प्रतियोगिता में कृष्ण (कक्षा 10) ने प्रथम, रिशू सिंह गौर (कक्षा 12) ने द्वितीय और कृष्णा सिंह राजावत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

इस मौके पर अवध नाथ तिवारी,अनिल कुमार बाजपेई, बृजमोहन सिंह सेंगर एवं अरविंद कुमार शुक्ला सहित समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद

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