केंद्रीय विवि के रूप में प्रतिस्थापित होगा चित्रकूट का दिव्यांग विवि : जगद्गुरु रामभद्राचार्य

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केंद्रीय विवि के रूप में प्रतिस्थापित होगा चित्रकूट का दिव्यांग विवि : जगद्गुरु रामभद्राचार्य


-धूमधाम से मनाया गया जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय का 24वां स्थापना दिवस

चित्रकूट,26 जुलाई (हि.स.)। जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय का 24वां स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। समारोह के द्वितीय दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के जीवन पर्यंत कुलाधिपति जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ संगीत विभाग की सहायक आचार्य डॉ ज्योति विश्वकर्मा की सरस्वती वंदना से हुआ। तत्पश्चात स्थानीय कलाकारों के द्वारा गुरु वंदना प्रस्तुत की गई।

अपने संबोधन में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि मैं इस विश्वविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय के रूप में देख रहा हूं शीघ्र ही यह विश्वविद्यालय केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में प्रतिस्थापित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह विश्वविद्यालय परंपरागत विश्वविद्यालय से इतर भारतीय ज्ञान परंपरा का पोषण करते हुए ऋषि परंपरा का अनुसरण करेगा और मैकाले की शिक्षा प्रणाली के स्थान पर भारतीय शिक्षा प्रणाली को स्थापित कर विश्व के समक्ष एक नए आयाम को जन्म देगा। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में किसी भी शिक्षक या कर्मचारी का कभी कोई अहित नहीं होगा और सभी मिलजुलकर विश्वविद्यालय की प्रगति में अपना योगदान देंगे।

इस अवसर पर विशिष्ट में अतिथि के रूप में उपस्थित जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, दिनेश प्रसाद मिश्रा पूर्व विधायक, निर्मला वैष्णव प्रधानाचार्य, लालू तिवारी ने विश्वविद्यालय को गुरु जी का पुत्र मानकर आशीर्वाद प्रदान किया ।कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय ने प्रस्तुत किया । उन्होंने अपने उद्बोधन में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी को विश्व के समस्त कुलाधिपतियों से इतर अत्यंत मूर्धन्य एवं उद्भट विद्वान के रूप में बताते हुए उन्हें आधुनिक भारत के निर्माण में प्रख्यात मनीषी के रूप में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्कृत विभाग की प्रभारी डॉ प्रमिला मिश्रा ने किया। कार्यक्रम के अंत में सोहर गीत डॉ ज्योति विश्वकर्मा ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कला विभाग के द्वारा एक पेंटिंग प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इससे पूर्व की बेला में हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में संगोष्ठी का समापन हुआ।

समापन सत्र में डा0 योगेंद्र भारद्वाज, डॉ पीयूष कुमार द्विवेदी डॉ गोपाल कुमार मिश्र, डॉ हरिकांत मिश्र, डॉ संध्या पांडेय ने अपने शोध परक आलेखों को प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में संगोष्ठी का संचालन डॉ शशिकांत त्रिपाठी ने किया तथा समीक्षा डॉ महेंद्र कुमार उपाध्याय ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम में अधिष्ठाता डॉ विनोद कुमार मिश्र, डॉ निहार रंजन मिश्रा डॉ अमित अग्निहोत्री, डॉ गुलाबधर, डॉ तृप्ति रस्तोगी, कुमार प्रद्योत दुबे, डॉ सुशील त्रिपाठी, जितेंद्र प्रताप सिंह, डॉ सुनीता श्रीवास्तव, प्रो. सभापति मिश्र, डॉ मनोज पांडेय, हरिश्चंद्र, डॉ मुकुंद मोहन पांडेय, डॉ दलीप कुमार, भविष्या माथुर सहित विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन कुल सचिव मधुरेंद्र कुमार पर्वत ने किया। कायर्क्रम की जानकारी पीआरओ सुधीर कुमार ने दी।

हिन्दुस्थान समाचार / रतन पटेल / मोहित वर्मा

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