पर्यटकों को आकर्षित करती है काशी की ऐतिहासिक व धार्मिक धरोहर
मोदी-योगी सरकार ने विरासत का पुनरुद्धार कर विश्व में लहराया है धर्म व संस्कृति का परचम
तथागत की तपोभूमि सारनाथ दुनिया भर के बौद्ध अनुयायियों के साथ ही अन्य पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधा के साथ है तैयार
प्रो-पुअर परियोजना अंतर्गत बौद्ध सर्किट में जीविकोपार्जन के लिए 2811 कामगारों को प्रशिक्षण, 303 कामगारों को टूल किट, नए कामगारों को भी प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है
सारनाथ में विकास से रोजगार उपलब्ध कराने वाले प्रो-पुअर योजना का प्रधानमंत्री द्वारा 20 अक्टूबर को उद्घाटन संभावित
विश्व बैंक सहायतित 90 करोड़ से प्रो-पुअर प्रोजेक्ट का हुआ कार्य
वाराणसी, मोदी-योगी सरकार काशी व सारनाथ के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इसी क्रम में तथागत की तपोभूमि सारनाथ दुनिया भर के बौद्ध अनुयायियों के साथ ही अन्य पर्यटकों के लिए पुनर्विकास तथा आधुनिक सुविधा के साथ तैयार है। स्थानीय वेंडरों को अतिथियों के आतिथ्य ('अतिथि देवो भव') के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है। सारनाथ में विकास से रोजगार उपलब्ध कराने वाले प्रो-पुअर परियोजना अंतर्गत सारनाथ बुद्धिस्ट सर्किट का विकास कार्य प्रधानमंत्री द्वारा 20 अक्टूबर को उद्घाटन करना संभावित है। योगी सरकार विरासत का पुनरुद्धार करके विश्व में अपने धर्म व संस्कृति का परचम लहरा रही है, यही ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित भी कर रही है। भगवान बुद्ध की भूमि सारनाथ बौद्ध भिक्षुओं का तीर्थ स्थल माना जाता है। यहाँ विश्व भर से हर साल लाखों पर्यटक आते है। सारनाथ में प्रो-पुअर योजना से समग्र विकास से रोजगार का अवसर उपलब्ध होगा। इससे वहां रहने वालों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। बौद्ध सर्किट के विकास के साथ ही स्थानीय कामगारों को विभिन्न रोजगार के लिए प्रशिक्षण, टूल किट और कस्टमाइज़ कार्ट दिए जा रहे है। वेंडरों के लिए ख़ास जगह भी चिह्नित की गई है। विश्व बैंक की सहायता से लगभग 90 करोड़ की लागत से प्रो-पुअर प्रोजेक्ट का कार्य हुआ है।
सारनाथ के स्थानीय लोगों को घर के पास ही मिलेगा रोजगार
वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने बताया कि सारनाथ में प्रो-पुअर योजना के तहत विकास कार्य हुआ है। जिससे अधिक से अधिक पर्यटक आएं और रुकें। सरकार की मंशा है कि सारनाथ के आस पास के रहने वालों की आय बढे और उन्हें के अवसर मिले। इस परियोजना की लागत 90 करोड़ रुपये है। प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजना के अंतर्गत सारनाथ बौद्ध परिपथ के विकास का कार्य विश्व बैंक की सहायता से हुआ है। वीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत सारनाथ के पूरे क्षेत्र को टूरिस्ट फ्रेंडली बनाया गया है। योजना में पर्यटकों की सुविधा केंद्रों के अलावा स्थानीय लोगों के व्यापार का खास ध्यान रखा गया है। ताकि यहां के लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठ सके।
प्रो -पुअर योजना में पर्यटकों को मिलने वाली सुविधा और सौंदर्यीकरण
वीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि सारनाथ और उसके आसपास के चौराहों व तिराहों का सौंदर्यीकरण किया गया है। लास्ट माइल कनेक्टिविटी के तहत स्मारकों को आपस में जोड़ने व जीर्णोद्धार का कार्य हुआ है। धर्मपाल मार्ग का सौंदर्यीकरण, स्ट्रीट लाइटिंग का कार्य हुआ है। ऋषिपत्तन एवं अशोक मार्ग पर वेहिकुलर डेवलपमेन्ट का कार्य, डेवलपमेंट ऑफ़ क्रासिंग ( मार्कर पिलर-ऐतिहासिक स्तंभ ) हेरिटेज स्ट्रीट लाइट, फसाड लाइट, व्यवस्थित पार्किंग, स्थानीय ठेलों खोमचे वालों का पुनर्वास किया जा रहा है। उनके लिए ख़ास कस्टमाइज़्ड मोबाइल व्हीकल्स दिया जा रहा। हेरिटेज लुक वाले कियोस्क होंगे, जिसमें बनारसी समेत,किसी देश विशेष का खानपान की सुविधा होगी। सोविनियर,जीआई उत्पाद,ओडीओपी आदि की दुकानें भी होगी। ख़ूबसूरत पैडेस्ट्रियल पथ,पर्यटकों को बैठने के लिए आरामदायक जगह बनाई गई है। हॉर्टिकल्चर व लैंड स्केपिंग ,बुद्धिस्ट थीम पर साइनेज एवं इंटरप्रेटेशन वाल देखने को मिल रहा है। सारनाथ में सीसीटीवी,दिव्यांगजनों एवं वृद्ध पर्यटकों की सुविधा के लिए गोल्फ कार्ट की व्यवस्था,ओवरहेड तारों को अंडरग्राउंड किया गया है। ड्रेनेज कार्य, वाटर हार्वेस्टिंग पर भी कार्य हो रहा है। आधुनिक जन सुविधाएं एवं पेयजल की सुविधाएं ,रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, पार्किंग,पर्यटक सूचना केंद्र साइनेज का कार्य एवं अन्य आवश्यक पर्यटक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने बताया कि इस योजना की ख़ास बात यह है कि विकास से पर्यटन उद्योग को जोड़ा गया है। प्रो-पुअर परियोजना अंतर्गत बौद्ध सर्किट में जीविकोपार्जन के लिए 2811 कामगारों को प्रशिक्षण ,उनके काम सम्बंधित 303 कामगारों को टूल किट दिया गया है। नए कामगारों को भी प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है। प्रशिक्षण में सभी को अतिथि सत्कार से सम्बन्धित प्रशिक्षण भी दिया गया है।
सामाजिक स्तर सुधार के लिए 1240 कामगार को प्रशिक्षित किया गया है।
-आय वृद्धि से सम्बंधित प्रशिक्षित कामगार-830
-प्रशिक्षित किये गए नए कामगारों की संख्या-410
-303 कामगारों को सिलाई मशीन ,क्ले क्राफ्ट ,लकड़ी के खिलौने ,माला ,जरी पर्स आदि का प्रशिक्षण देने के बाद कामगारों को 65 -सिलाई मशीन , 1 -इलेक्ट्रिक लोडर , 67 सेट -इलेक्ट्रिक चाक (सोलर पैनल ,इन्वर्टर के साथ ), 40 सेट-टूल किट (लकड़ी के खिलौने के लिए), 7 सेट गुलाबी मीनाकारी टूलकिट ,1-ग्रैंडिंग मशीन दिया गया है।
-स्वयं सहायता समूह के 949 सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया है
-अतिथि सत्कार के लिए 319 वेंडरों को प्रशिक्षित किया गया है
-सारनाथ के गणपति तिराहा पर 1147 वर्ग मीटर का वेंडिंग जोन बनाया गया है। इसमें 49 कार्ट लगाए जाने की व्यवस्था है। यहाँ पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था ,पर्याप्त लाइट की व्यवस्था और वृक्षारोपण किया गया है। इसके अलावा 5 वेंडिंग जोन और होंगे।
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