वाराणसी में काशी तमिल संगमम-2 की शुरूआत 17 दिसंबर से, पंजीकरण पोर्टल लॉन्च

वाराणसी में काशी तमिल संगमम-2 की शुरूआत 17 दिसंबर से, पंजीकरण पोर्टल लॉन्च
WhatsApp Channel Join Now
वाराणसी में काशी तमिल संगमम-2 की शुरूआत 17 दिसंबर से, पंजीकरण पोर्टल लॉन्च


—तमिलनाडु और पुडुचेरी के करीब 1400 लोग आठ दिनों के लिए ट्रेन से काशी आएंगे

वाराणसी, 28 नवम्बर (हि.स.)। काशीपुराधिपति की नगरी में काशी तमिल संगमम (केटीएस) के दूसरे संस्करण का आयोजन 17 से 30 दिसंबर के बीच किया जायेगा। संगमम के लिए आईआईटी मद्रास ने पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किया है। इसमें तमिलनाडु और पुडुचेरी के लोगों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा मंत्रालय, संस्कृति, कपड़ा, रेल , पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण्, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर कर रहा है। इसका उद्देश्य अति महत्वपूर्ण एवं प्राचीन शिक्षण स्थलों तमिलनाडु और काशी के बीच प्राचीन संबंधों को और प्रगाढ़ करना है। संगमम के पहले संस्करण की तरह, यह कार्यक्रम जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के परस्पर जुड़ाव में सहायता प्रदान करके प्राचीन भारत के शिक्षा और संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केंद्रों वाराणसी और तमिलनाडु के बीच जीवंत संबंधों को पुनर्जीवित करना भी है। शिक्षा विभाग के अफसरों के अनुसार केटीएस के दूसरे चरण में तमिलनाडु और पुडुचेरी के करीब 1400 लोग आठ दिनों के लिए ट्रेन से वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा करेंगे। सभी को 200-200 लोगों के सात समूहों में बांट दिया जाएगा और हर समूह में विद्यार्थी, अध्यापक, किसान, शिल्पकार, व्यापारी, धार्मिक लोग, लेखक और पेशेवर होंगे। हर समूह का नाम किसी पवित्र नदी गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, नर्मदा, गोदावरी और कावेरी के नाम पर रखा जाएगा। सभी प्रतिनिधि ऐतिहासिक, पर्यटन और धार्मिक रूचियों के स्थानों को देखेंगे तथा उत्तर प्रदेश में अपने कार्यक्षेत्र के लोगों के साथ संवाद भी करेंगे।

अफसरों के अनुसार केटीएस 2.0 जागरूकता पैदा करने , संपर्क कायम करने, लोगों के बीच आपसी संबंध स्थापित करने पर एवं सांस्कृतिक रूप से उनमें जुड़ाव पैदा करने पर केंद्रित होगा। कार्यक्रम में तमिलनाडु और काशी की कला एवं संस्कृति, हैंडलूम, हस्तकरघा, व्यंजन एवं अन्य उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए वीथिकाएं लगायी जाएंगी। शिक्षा मंत्रालय इस कार्यक्रम के लिए नोडल मंत्रालय होगा। आयोजन के पहले चरण से मिली सीख का लाभ उठाने और अनुसंधान के लिए उनकी प्रतिष्ठा को देखते हुए, आईआईटी मद्रास तमिलनाडु और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पदुम नारायण

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story