कार्तिक महोत्सव अमृत उत्सव एवं दीपोत्सव का पर्व : गणेश केसरवानी
प्रयागराज, 26 नवम्बर (हि.स.)। कार्तिक महोत्सव के पावन पर्व पर प्रकृति अपनी अमृत की धार भारत की पुण्य भूमि पर बरसाती है। इसलिए पावन महीना अमृत उत्सव एवं दीपोत्सव के रूप में जाना जाता है। इस पर्व पर प्रयागराज की पावन भूमि पर मां गंगा व यमुना के तट पर दीपदान करने से मनुष्य के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रकाश उत्पन्न होता है और नकारात्मक ऊर्जा का क्षय होता है।
यह बातें रविवार को महापौर गणेश केसरवानी ने कार्तिक महोत्सव के पावन पर्व पर बारादरी बलुवाघाट पर मां यमुना के तट पर दीपदान एवं महा आरती करने के उपरान्त सम्बोधित करते हुए कही। गंगा यमुना तहजीब सेवा सगंठन के अध्यक्ष सत्येन्द्र सोनकर एवं प्रबंधक राजन शर्मा द्वारा बारादरी बलुवाघाट पर बड़ी ही भव्यता के साथ तट पर दीपदान एवं महा आरती की गई।
इस अवसर पर किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कौशल्यानन्द गिरी व भाजपा नेता रईश चंद्र शुक्ला, भाजपा मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए आरती की। कार्यक्रम आयोजक गोलू सोनकर ने बताया कि इस कार्यक्रम मे 31,000 हजार दीपों से घाट को सजाया गया। उसके बाद बच्चों द्वारा रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को सुंदर-सुंदर रंगोली बनाने को लेकर महापौर गणेश केसरवानी ने सम्मानित किया। कार्यक्रम संयोजक रूपाली एवं संगठन के उपाध्यक्ष रवि साहू ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन अभिलाष केसरवानी ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/दिलीप
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