त्याग, समर्पण और देशप्रेम का प्रतीक है कारगिल विजय दिवस :  सूर्य प्रताप शाही

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त्याग, समर्पण और देशप्रेम का प्रतीक है कारगिल विजय दिवस :  सूर्य प्रताप शाही


देवरिया, 26 जुलाई (हि.स.)। शहर के ख़र्जरवा स्थित कालिंद बिहार इंटर कालेज में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा कारगिल विजय दिवस मनाया गया। भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि कर कारगिल के शहीदों को नमन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि भारत ने 26 जुलाई, 1999 में पाकिस्तानी सेना को खदेड़ते हुए कारगिल में विजय पताका फहराया था। इसके बाद से ही हर साल 26 जुलाई के दिन भारत कारगिल विजय दिवस मनाता हैं। यह दिन उन वीर सैनिकों की बहादुरी को समर्पित हैं, जिन्होंने भारत को जीत दिलाई थी। साथ ही यह उन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन हैं, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।

उन्होंने कहा कि कारगिल विजय दिवस की कई वीरगाथाएं भी हैं। जिनमें कैप्टन विक्रम बत्रा की कहानी को हौसले और देशप्रेम के प्रतीक के रूप में देखा जाता हैं।कैप्टन विक्रम बत्रा ने कहा था, यह दिल मांगे मोर, उन्होंने देश के लिए अपने प्राण गंवाए थे लेकिन अपने साथियों के साथ देश को जीत का तोहफा दे गए। हर साल कारगिल दिवस हमारी सेना के इसी त्याग, समर्पण, देशप्रेम और जज्बे को नमन करता हैं।

युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष प्रवीण प्रताप मल्ल ने कहा कि 1999 में पाकिस्तानी सेना भारत की सीमा पर घुसपैठ कर रही थी और एलओसी का कुछ हिस्सा अपने कब्जे में कर चुकी थी। इस पर भारतीय सेना ने सैन्य अभियान चलाया और चुनौतियों से लड़ कर पाकिस्तानी सेना का डटकर सामना किया। हमारे सैनिक उंचाइयों तक चढ़ाई करके गए, मौसम की मार झेली, कई-कई दिनों तक सिर्फ लड़ते रहें लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। यह उनका हौसला ही था जिसने भारत को विजय दिलाई थी। आज हम उन सभी वीर शहीदों को नमन करते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / ज्योति पाठक / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा

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