करबला में रंजो गम के साथ सुपुर्द ए खाक हुए ताजिया

हाथरस, 6 जुलाई (हि.स.)। पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके जानिसारों की शहादत की याद में मुहर्रम की दसवीं तारीख रविवार को कस्बे में मातमी जुलूस निकाले गए। इसमें तमाम लोगों ने मातम करते हुए ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक किया। सोगवारों ने खुद को जंजीरों व छुरियों से लहूलुहान कर उनकी शहादत को सलामी दी।
विभिन्न अखाड़ों के करतबबाजों ने पूरे रास्ते हैरतअंगेज करतब दिखाए। दुलदुल घोड़ा भी आकर्षण का केंद्र रहा। सुरक्षा के लिहाज से व्यापक बंदोबस्त थे। देर शाम को करबला में मातम के साथ ताजिए सुपुर्द ए खाक किए गए। मुस्लिम इंतजामिया कमेटी की सरपरस्ती में मुहर्रम की दसवीं तारीख को मुहर्रम का जुलूस विभिन्न हिस्सों से निकाला गया। कई अखाड़े करतब दिखाते हुए चल रहे थे। करतब देखने को जनसैलाब उमड़ा। बच्चे भी जुलूस में शामिल हुए। जुलूस में पहले मजलिस को खिताब फरमाते हुए कमेटी अध्यक्ष हाफिज शफीकुद्दीन ने फरमाया कि दसवीं मुहर्रम को हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 जानिसारों को करबला के मैदान में तीन दिन तक भूखा-प्यासा रखकर शहीद कर दिया गया था। उन्होंने अपना पूरा घर करबला में इंसानियत और इस्लाम की खातिर न्यौछावर कर दिया, लेकिन जालिम की बैयत कबूल नहीं की। अंजुमन में नौजवानों ने जंजीरों व छुरियों से मातम किया। ताजिया जुलूस बाजार, बस स्टैंड से होते हुए करबला पहुंचा। जहां पर ताजिए सुपुर्द ए खाक किए गए। इस दौरान एसडीएम संजय कुमार, सीओ हिमांशु माथुर, प्रभारी निरीक्षक योगेश कुमार , पूर्व सपा ज़िलाध्यक्ष चौधरी भाज़ुद्दीन, सपा ज़िला महासचिव जैनुद्दीन चौधरी, मोहर्रम इंतज़ामिया कमेटी सदर हाफ़िज़ शफ़ीक़ क़ुरैशी, हमीद खान अब्बासी, जफरुद्दीन, हाजी अनीस वेग, मिर्ज़ा शकील वेग, नवाब क़ुरैशी, आमिर खान, आसिफ़, शाहिद सिद्दीक़ी आदि सहित फायर ब्रिगेड के इंतजाम भी रहा।
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हिन्दुस्थान समाचार / मदन मोहन राना