बीएचयू में छात्रवृत्तियां स्थापित करने के लिए कलिपटनापू फाउंडेशन देगा एक करोड़ रुपये

WhatsApp Channel Join Now
बीएचयू में छात्रवृत्तियां स्थापित करने के लिए कलिपटनापू फाउंडेशन देगा एक करोड़ रुपये


बीएचयू में छात्रवृत्तियां स्थापित करने के लिए कलिपटनापू फाउंडेशन देगा एक करोड़ रुपये


- रसायनशास्त्र में स्नातक व परा स्नातक विद्यार्थियों को दी जाएंगी छात्रवृत्तियां

वाराणसी, 25 अक्टूबर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने “कलिपटनापू फाउंडेशन” के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसके तहत विश्वविद्यालय स्थित रसायन शास्त्र के स्नातक व परास्नातक विद्यार्थियों के लिए 40 छात्रवृत्तियां स्थापित की जाएंगी। फाउंडेशन बीएचयू के पूर्व छात्र व शिक्षक रहे कलिपटनापू कोंडिया की स्मृति में यह छात्रवृत्तियां आरंभ करने के लिए विश्वविद्यालय को एक करोड़ रुपये की धनराशि देगा।

कोंडिया ने विश्वविद्यालय से बीएससी तथा एमएससी की उपाधियां हासिल की थीं । वे वर्ष 1922 से 1941 तक विश्वविद्यालय में रसायनशास्त्र के शिक्षक और विभाग के अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 1941 में विश्वविद्यालय छोड़ कर, कोंडिया देश के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ गए तथा पांच वर्ष तक जेल में भी रहे। जेल से बाहर आने के पश्चात उन्होंने आंध्र प्रदेश में एक केमिकल फैक्टरी स्थापित की तथा देश को आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे ले जाने के लिए योगदान दिया। कलिपटनापू फाउंडेशन उनके परिवार, कोंडिया के पुत्र डॉ. इंदुशेखर राव, उनकी पुत्री इंदिरा देवी, तथा पौत्र चैतन्य कलिपटनापू ने स्थापित किया है।

डॉ. इन्दुशेखर ने एएफएमसी पुणे से एमबीबीएस की पढ़ाई की तथा आंध्र प्रदेश चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कार्य किया। इंदिरा देवी का जन्म वाराणसी में हुआ था, तथा वे 8 वर्ष की उम्र तक वाराणसी में रही थीं। कोंडिया के पौत्र चैतन्य कलिपटनापू ने बीआईटीएस पिलानी से इंजीनियरिंग स्नातक की डिग्री हासिल की तथा फ्रांस स्थित आईएनएसईएडी से एमबीए किया। वे अभी फ्रांस में एक सफल यूनिकॉर्न कंपनी के संस्थापक हैं।

बीएचयू कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की उपस्थिति में कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह तथा इंदुशेखर राव ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। इस दौरान इन्दुशेखर राव की पत्नी, चैतन्य कलिपटनापू तथा भतीजी समेत कोंडिया परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे। इस अवसर पर चैतन्य ने कहा कि किसी भी विद्यार्थी के लिए अपने विश्वविद्यालय के प्रति आभार व्यक्त करने का सबसे उत्तम माध्यम है, ‘पे फारवर्ड’ के विचार से शिक्षा के लिए योगदान करना।

उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों की आने वाली पीढ़ियों के लिए योगदान देना ही ‘पे फारवर्ड ’ है। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने शिक्षा अर्जन के लिए विद्यार्थियों के प्रयासों को सहयोग के लिए दानराशि देने पर कोंडिया परिवार का धन्यवाद जताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के योगदान प्रतिभावान, ज़रूरतमंद, तथा वंचित परिवारों से आने वाले विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहयोग करते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story