जो भक्तों के पापों का हरण कर लेते हैं, वही भगवान हरि : डाॅ. जगदीश प्रसाद
मुरादाबाद, 29 सितम्बर (हि.स.)। मधुरग्रीन विला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन रविवार को राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिषाचार्य डाॅ. आचार्य जगदीश प्रसाद कोठारी ने सर्वेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के ब्रज में अनेकानेक बाल लीलाओं पर वाणी प्रस्तुत की।
डाॅ. आचार्य जगदीश प्रसाद ने कहा कि जो वात्सल्य भाव के उपासकों के चित्त को अनायास ही आकर्षित करती है। जो भक्तों के पापों का हरण कर लेते हैं, वही भगवान हरि हैं। नंदालय में गोपियों का तांता लगा रहता है। हर गोपी भगवान से प्रार्थना करती है कि किसी न किसी बहाने कन्हैया मेरे घर पधारें। जिसकी भगवान के चरणों में प्रगाढ़ प्रीति है, वही जीवन मुक्त है।
डाॅ. आचार्य जगदीश ने कहा कि एक बार माखन चोरी करते समय मैया यशोदा आ गईं तो कन्हैया ने कहा कि मैया तुमने इतने मणिमय आभूषण पहना दिए हैं, जिससे मेरे हाथ गर्म हो गए हैं तो माखन की हांडी में हाथ डालकर इन हाथों को शीतलता प्रदान कर रहा हूं। भगवान की लीला भगवान ही जानें।
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जयसवाल
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