झूठे वचनों का त्याग करना व आत्मा में सत्याचरा लाना ही सत्य धर्म : समर्पण सागर

WhatsApp Channel Join Now
झूठे वचनों का त्याग करना व आत्मा में सत्याचरा लाना ही सत्य धर्म : समर्पण सागर


झूठे वचनों का त्याग करना व आत्मा में सत्याचरा लाना ही सत्य धर्म : समर्पण सागर


- श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर रामगंगा विहार में पर्वाधिराज दसलक्षण पर्व के पांचवें दिन उत्तम सत्य धर्म पर हुई चर्चा

मुरादाबाद, 12 सितम्बर (हि.स.)। झूठे वचनों का त्याग करना और आत्मा में सत्याचरा लाना सत्य धर्म है। जो वस्तु जैसी है उसे वैसा ही मानना सत्य है। सत्य के विपरीत मिथ्यात्व ही समस्त संसार में भ्रमण का कारण है। इसलिए हमें सत्य धर्म को अंगीकार करना चाहिए। यही लक्ष्ण हमें मोक्ष की और ले जाता है। यह संदेश रामगंगा विहार स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर समर्पण भवन में विराजमान बालयोगी गिरनार पीठाधीश्वर क्षुल्लक रत्न 105 श्री समर्पण सागर जी ने गुरुवार को प्रातःकाल जैन श्रावकों को सम्बोधित करते हुए दिया।

श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आज को दशलक्षण पर्व के पांचवें दिन उत्तम सत्य धर्म के रूप में मनाया गया। श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर में श्रद्धालुओं द्वारा भगवान जिनेंद्र का मंगल जलाभिषेक किया गया एवं विश्व मंगल की कामना के साथ शान्तिधारा की गई। शान्तिधारा करने का परम सौभाग्य जैन समाज के लोगों को प्राप्त हुआ। इस धार्मिक सभा में जैन समाज के अनुयायियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

आयोजनों की व्यवस्थाओं में रामगंगा विहार जैन समाज के अध्यक्ष संदीप जैन, मंत्री नीरज जैन वरिष्ठ कार्यकर्ता सर्वोदय जैन, पवन कुमार जैन, अनुज जैन, अजय जैन, अंकुर जैन, राहुल जैन, विकास जैन, मोहित जैन, सुषमा जैन, उषा जैन, रजनी जैन, सजल जैन, ऋतु जैन, अंजलि जैन, शिवानी जैन, आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जयसवाल

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story