झील व जंगल बचेंगे तभी बचेगा जीवन : संजय कुमार

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झील व जंगल बचेंगे तभी बचेगा जीवन : संजय कुमार


बाराबंकी, 14 दिसंबर (हि.स.)। बायोडायवर्सिटी पर फोटो प्रदर्शिनी का आयोजन शनिवार को ऑफिसर्स क्लब में किया गया। इसका उद्घाटन यूपीपीसीएफ के एमडी संजय कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षित मानव जीवन के लिए झील, तालाब, नदी, पेड़ पौधे व जंगल का रहना जरूरी है। इनके अस्तित्व पर संकट से मानव जीवन संकट में पड़ सकता है, 20 से 25 साल पहले विश्व में आठ और भारत में गिद्ध की पांच प्रजाति पाई जाती थी। यह अब 99 प्रतिशत तक गायब हो चुके हैं। इसकी वजह पशुओं को ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन दिया जाना कई रिसर्च में सामने आया है। जिन मवेशियों को यह इंजेक्शन दिया गया और जब कभी उनकी मौत हुई और गिद्ध ने उनको खाया तो इनको भी पेट का कैंसर हो गया। ऐसे ही प्लास्टिक के प्रयोग से हमारा ईको सिस्टम बिगड़ रहा है। ऐसे ही आबादी बढ़ने के साथ पानी की डिमांड बढ़ रही है और ऐसे में पानी को नहीं बचाया गया तो आने वाले समय में लोगो को पीने के लिए पानी मिलना मुश्किल होगा!

उन्होंने प्रदर्शन देखने आए सैकड़ों छात्र छात्राओं से कहा कि वो जैव विविधता को समझे और उनको सुरक्षित रखना अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने कहा कि बाराबंकी के वेटलैंड कितने समृद्ध हैं ये वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर व सचिवालय सेवा के अधिकारी नवीन बनौधा की ओर से लगाई गई इस प्रदर्शिनी को देखने से साफ पता चल जाता है। उन्होंने आगे कहा कि यहां के वेटलैंड्स को संरक्षित करके उनको दर्शकों, बर्ड वाचर, शोधार्थियों, पर्यटकों, फोटोग्राफर आदि के लिए ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की जरूरत है। राजधानी लखनऊ के नजदीक होने के कारण पर्यटक यहां जुड़ेंगे तो आसपास के गांव के लोगों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। विशेष अतिथि जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, सीडीओ अ. सुदन, जॉइंट मजिस्ट्रेट काव्या सी, बीएसए संतोष देव पांडे, एसडीओ वन वरुण सिंह मौजूद रहे।

वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर नवीन बनौधा ने बताया गया कि इस फोटो प्रदर्शिनी से जन-जागरुकता फैलेगी। नागरिकों में वेटलैंड्स के पर्यावरणीय लाभ की जानकारी साझा होगी। बनौधा ने बताया कि इस कार्यक्रम को करने की प्रेरणा के पीछे जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार का प्रकृति सरंक्षण के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण है। उनके कारण ही इस प्रदर्शिनी का आयोजन हो सका। यह भी बताया कि बाराबंकी में 400 से अधिक वेटलैंड्स है। इनमें से 12 वेटलैंड को अधिसूचित करने की कार्रवाई साल 2018 से चल रही है। इस जिले के वेटलैंड्स बहुत समृद्ध है और यहां पर 50 हेक्टेयर से बड़े 30 से ज्यादा वेटलैंड है। जिसमें प्रमुख रूप से सराय बरई , लटकनिया, किरकिच्ची झील, भगहर झील, सगरा झील, सराही झील, बैनाटीकाहार, नवाड़, सलारपुर वेटलैंड प्रमुख हैं। बाराबंकी की आबोहवा और यहां के वेटलैंड्स की समृद्धता के कारण ही हजारों वर्षों से प्रवासी पक्षी यहां प्रवास करते हैं।

इस प्रदर्शनी में लगभग 222 फोटो प्रदर्शित की गई जिसमें 180 से ज्यादा स्थानीय एवं प्रवासी पक्षियों, 20 प्रकार की तितलियों, और 15 प्रकार के जंगली जानवरों व सरीसृपों को सम्मिलित किया गया। नवीन बनौधा द्वारा बाराबंकी के वेटलैंड और पक्षियों की फोटो का वर्ष 2025 के कैलेंडर का विमोचन भी संजय कुमार एमडी यूपीपीसीएफ व जिलाधिकारी सतेंद्र कुमार तथा अन्य विशेष अतिथियों की उपस्थिति में किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज कुमार चतुवेर्दी

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