जगद्गुरु रामभद्राचार्य साहित्य के सर्वोच्च ज्ञानपीठ पुरस्कार से होंगे सम्मानित
-जगदगुरू को मिली उपलब्धि से तपोभूमि चित्रकूट में खुशी की लहर
चित्रकूट,17 फरवरी (हि.स.)। विश्व की विलक्ष्ण प्रतिभा के धनी,जगद्गुरु रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने की घोषणा से चित्रकूट में खुशी की लहर है।
ज्ञानपीठ चयन समिति ने शनिवार (17 फरवरी) को यह घोषणा की है। चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख रामभद्राचार्य एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु,शिक्षक और 250 ग्रन्थों लेखन व प्रणयन किया है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट के संस्थापक एवं कुलाधिपति है।
आरपी मिश्रा ने बताया कि गुरुदेव आज लगभग शैक्षणिक जगत में शिक्षाविदों के लिए अमूल्य धरोहर है। साथ ही धार्मिक क्षेत्र में भी भारत में विशिष्ट महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उन्होंने करीब 250 ग्रंथों का लेखन प्रणयन किया है,जो भारतीय समाज उन्हें युगों-युगों तक याद करेगा। उनके द्वारा संचालित विभिन्न प्रकल्पों में साहित्य सेवा,दिव्यांग जन सेवा,संत सेवा,गौ सेवा,भक्तों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा से तुलसीपीठ सेवा न्यास और तुलसी प्रक्षा चक्षु बधिर विद्यालय,कामता व जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय सहित सभी शिक्षक,कर्मचारी,छात्र-छात्राएं ने बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित किया।
इस मौके पर युवराज आचार्य रामचन्द्र दास,जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.शिशिर कुमार पांडेय,कुलसचिव मधुरेंद पर्वत,डाॅ मनोज पांडेय,डाॅ विनोद मिश्रा,डाॅ महेंद्र उपाध्याय,एसपी मिश्रा,डाॅ ज्योति वैष्णव,डाॅ विशेष दुबे,हरिश्चंद्र मिश्रा,दिलीप कुमार,रवि प्रकाश शुक्ला, डाॅ रजनीश सिंह,हरिंद्र मोहन मिश्र,डाॅ प्रमिला मिश्रा,डाॅ रीना पांडेय,डाॅ नीतू तिवारी,डाॅ प्रतिमा शुक्ला आदि ने शुभकामनाएं दी। इस आशय की जानकारी प्रभारी पीआरओ सुधीर कुमार ने दी।
हिन्दुस्थान समाचार/रतन/राजेश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।