शिक्षा के साथ संस्कार और अनुशासन अत्यंत जरूरी: धर्मराज


गोरखपुर, 3 मई (हि.स.)। ग्रामोदय हाई स्कूल पारकरंजही के संस्थापक प्रबंधक एवं पूर्व प्रधान स्व. विभूति यादव के पुण्यतिथि पर विद्यालय के होनहार और प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया, साथ ही शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर खोराबार के पूर्व ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य धर्मराज सिंह यादव ने कहा कि विद्यालय के संस्थापक स्व. विभूति यादव जी लगातार चालीस वर्ष तक ग्राम पारकरंजही के प्रधान रहे। उनका उद्देश्य गांवों में सस्ती और अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराना था, गांव - क्षेत्र की बच्चियों को शिक्षित करना एवं शिक्षा के साथ- साथ बच्चों को अनुशासन और संस्कार सिखाना था। आज इसी ध्येय और उद्देश्य को पूरा करते हुए हम कार्य कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता है कि, एक सभ्य और संस्कारवान समाज का निर्माण हो। कार्यक्रम में गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता एडवोकेट सीपी यादव चंद्रपाल ने कहा, शिक्षा मूल अधिकार के साथ एक मानवाधिकार भी है। इस अधिकार की पूर्णता तभी हो सकती है, जब इसे सभी तक बराबरी के साथ पहुंचाया जाए। शिक्षा को सरकारों के आने-जाने के क्रम में नहीं जोड़ना चाहिए। उद्देश्य यही होना चाहिए कि वह आर्थिक मुद्दों से प्रभावित न हो और न ही किसी अन्य भावना से प्रभावित हो, बल्कि यह उन्मुक्त और सर्वसुलभ और सस्ती होनी चाहिए। इस अवसर पर बदरे आलम, सुरेंद्र भारती, परमानंद, अंशुमान प्रजापति, रामनारायण शर्मा, श्वेता निषाद, रानी तिवारी, सीमा, गुड़िया गौड़, सरोज पासवान, संदीप साहनी, सुनील गुप्ता, प्रियांशु यादव सहित समस्त शिक्षक, ग्रामवासी एवं अभिभावक उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय