हाल-ए-इंग्लिश मीडियम, स्कूल है या धर्मशाला
मीरजापुर, 13 अप्रैल (हि.स.)। छानबे ब्लाॅक अंतर्गत नरोइयां द्वितीय इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल के बच्चे चीथड़ों में तब्दील हो गई दरी व घर से लाए गए जूट के बोरे पर बैठकर पठन-पाठन को विवश हैं। बीतें सात वर्षों से इस परिषदीय विद्यालय में डेस्क-बेंच की आपूर्ति नहीं की गई है।
शैक्षणिक सत्र 2017-18 में कान्वेंट लेवल का स्कूल बनाने के लिए इसे इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल के रूप में मान्यता दी गई थी। यहां 133 बच्चों का नामांकन किया गया है। इतने बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रधानाध्यापक के अलावा पांच सहायक अध्यापक व एक शिक्षामित्र तैनात हैं। सात अध्यापकों की तैनाती के बाद भी नामांकन का ग्राफ नीचे लुढ़क रहा है। स्कूल का शौचालय और गंदगी के चलते निष्प्रयोज्य हो गया है। कूड़ेदान भी कबाड़ में तब्दील हो गया है।
प्रधानाध्यापक राजेश मिश्र ने बताया कि डेस्क-बेंच के अभाव में बच्चे फर्श पर चटाई बिछाकर पठन-पाठन करते हैं। सफाईकर्मी कभी आते ही नहीं। विद्यालय के ऊपर से एचटी विद्युत लाइन तार खींची गई है। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है। आवश्यक सुविधाओं के अभाव के कारण अभिभावक अपने बच्चों को पब्लिक स्कूलों में पढ़ाते हैं।
बीईओ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि जुलाई अथवा अगस्त माह में डेस्क-बेंच उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। अभिभावकों को इस बात का मलाल है कि इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल का तमगा दिए जाने के बाद भी यहां कुछ भी नहीं बदला है। उन्होंने मंडलायुक्त व जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है।
हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर
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