मीरजापुर बुजुर्गों के हक की लड़ाई को संस्थागत ताकत देने वाला देश का पहला जनपद बनने की ओर

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मीरजापुर बुजुर्गों के हक की लड़ाई को संस्थागत ताकत देने वाला देश का पहला जनपद बनने की ओर


मीरजापुर, 7 दिसंबर (हि.स.)। मीरजापुर एक ऐतिहासिक पहल की ओर बढ़ रहा है—एक ऐसी पहल, जो बुजुर्गों के सम्मान, अधिकार और न्याय को एक नई संस्थागत मजबूती देगी। चुनार तहसील के शिवशंकरी धाम, कैलहट में रविवार को लीगल एड क्लिनिक के शुभारंभ के साथ यह सपना आकार ले चुका है। जनपद न्यायाधीश अरविंद कुमार मिश्र और जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने संयुक्त रूप से इस क्लिनिक का उद्घाटन किया, जो बुजुर्गों के अधिकारों की लड़ाई में मीरजापुर को देश में एक अनोखी पहचान दिला सकता है।

कार्यक्रम के दौरान जिला जज ने कहा कि आज बुजुर्गों को न्याय दिलाने के लिए जो पहल शुरू हुई है, वह पूरे देश के लिए मिसाल बनेगी। जिन माता-पिता को आज अनाथालय में रहना पड़ रहा है, उनके हक की लड़ाई अब संस्था के माध्यम से लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि मीरजापुर वह पहला जनपद बनने जा रहा है जहां बुजुर्गों को उनके अधिकार दिलाने, उनके भटकते मुकदमों को सुलझाने और परिवार की जिम्मेदारियों को कानूनी रूप से स्थापित करने के लिए संस्थागत स्तर पर प्रयास किए जाएंगे।

कार्यक्रम में जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने भी पहल की सराहना करते हुए कहा कि समाज तभी आगे बढ़ता है जब कमजोर वर्गों की आवाज को ताकत मिलती है। स्वदेश विकास ट्रस्ट लखनऊ के सहयोग से शुरू हुआ ,यह लीगल एड क्लिनिक, गांव-गांव में न्यायिक जागरूकता फैलाकर लोगों को भटकने से रोकेगा और बुजुर्गों को वास्तविक न्याय तक पहुंचाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

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