कंपकपाती ठंड से बचाव को इंसानों की महफ़िल में शरीक होता बंदर

कंपकपाती ठंड से बचाव को इंसानों की महफ़िल में शरीक होता बंदर
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कंपकपाती ठंड से बचाव को इंसानों की महफ़िल में शरीक होता बंदर


कंपकपाती ठंड से बचाव को इंसानों की महफ़िल में शरीक होता बंदर


बरेली,15 जनवरी(हि.स.)। सर्दी का ऐसा सितम देखने को मिला,जहां इंसानों की जमी महफ़िल में बंदर भी अलाव का सहारा लेते नज़र आया। वह बीते चार दिन से लोगों के साथ वह भी अलाव का आनंद का उठाता है। उल्लेखनीय है कि कोहरे और गलन के बाद ठंड और बढ़ गई है।

प्रशासन की ओर से इस ठंड से बचाव के लिए व्यवस्था नाम मात्र की गई है। नगर निगम ने अब तक शहर में अलाव के बिंदु नहीं बढ़ाएं हैं। ज़्यादतर लोग या तों कूड़ा करकट, पॉलीथिन या फिर अपने पैसों सें खरीद कर लकड़ी जलाकर ठंड सें बच रहे हैं। फिलहाल इन दिनों सर्दी पूरे यौवन पर है। जहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है, वहीं धुंध की सफेद चादर से पूरा वातावरण लिपटा दिखाई देता है।

आज़मनगर के वार्ड 64 के बाग़ ब्रेकटन में शान मोहम्मद के साथ क्षेत्र के लोग अलाव के आगे बैठकर महफ़िल जमाते हैं। इस बीच इंसानों की महफ़िल के साथ एक बंदर भी शरीक होता है। शान मोहम्मद बताते हैं कि लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं। क्षेत्र के लोग आपस में पैसा इकट्ठा करके लकड़ी लाकर अलाव जला रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीते चार दिन सें ठंड से परेशान एक बंदर आकर बैठ जाता है और अलाव वह भी सेकता है। कहते हैं कि बिना किसी को परेशान किए, वह हम लोगों की महफ़िल में बैठकर अलाव का आनंद लेता है।

हिन्दुस्थान समाचार/देश दीपक गंगवार/राजेश

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