पहल: अजांव प्राथमिक विद्यालय में उपलब्ध कराए गए बाल साहित्य

पहल: अजांव प्राथमिक विद्यालय में उपलब्ध कराए गए बाल साहित्य
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पहल: अजांव प्राथमिक विद्यालय में उपलब्ध कराए गए बाल साहित्य


- बच्चों में पढ़ने की आदत बनाये रखना जरूरी, बाल साहित्य से बढ़ेगी रूचि

वाराणसी,19 अप्रैल(हि.स.)। बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों में पढ़ने की रूचि जगाने के लिए सामाजिक संगठन भी पहल कर रहे हैं। सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट ने शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालय अजांव में बच्चों में बाल साहित्य वितरित कराया। संस्था ने बच्चों को पुस्तकें प्रदान करने के साथ आशा बाल पुस्तकालय की श्रृंखला भी प्रारम्भ की।

संस्था के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने बताया कि एक देश समान शिक्षा अभियान के अंतर्गत सभी को समान और बेहतर शिक्षा के अवसर की उपलब्धता के लिए संस्था कुछ सरकारी स्कूलों में बाल साहित्य वितरित कर रही है। बदलते समय के साथ बच्चों में पढ़ने की रूचि कम हो रही है। पढ़ने की आदत से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा। और वे जागरूक होंगे।

कार्यक्रम संयोजक दीन दयाल सिंह ने कहा कि हमने देश के विभिन्न प्रकाशकों से रोचक बाल साहित्य का चयन किया है। जिससे बच्चों में पढ़ने के प्रति उत्साह का संचार हो,हमारी कोशिश है कि राजवारी,चौबेपुर और धौरहरा संकुल के अन्य विद्यालयों में भी हम आशा बाल पुस्तकालय की स्थापना कर पाएं।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार ने कहा कि व्यक्तित्व विकास के लिए किताबों का बहुत महत्व है, इसमें निहित ज्ञान को आत्मसात करने से हम परिवार,समाज,देश और प्रकृति के प्रति एक जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं।

इस अवसर पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन द्वारा अपने पुत्र के शिक्षक को लिखे पत्र को भी प्रदर्शित किया गया। जिसमें उन्होंने शिक्षक से अपील की है कि बच्चे को स्थानीय परिवेश और जानकारियों से अवगत कराते हुए उसमें अधिकतम पुस्तकों को पढ़ने की रूचि पैदा करें।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश

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