सूर्य प्रताप शाही ने किया एग्री स्टैक की स्थापना के प्रारंभिक चरण का शुभारंभ

सूर्य प्रताप शाही ने किया एग्री स्टैक की स्थापना के प्रारंभिक चरण का शुभारंभ
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सूर्य प्रताप शाही ने किया एग्री स्टैक की स्थापना के प्रारंभिक चरण का शुभारंभ


लखनऊ,05 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शुक्रवार को एग्री स्टैक की स्थापना के प्रारंभिक चरण की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्य किसानों को सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि निवेश, स्थानीयकृत और विशिष्ट लक्षित सलाह और बाजारों तक सुविधाजनक पहुंच उपलब्ध कराना है। इसके साथ ही, यह सरकार के विभिन्न हितधारकों द्वारा किसान और कृषि-केंद्रित लाभदायी योजनाओं की योजना बनाना और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया को भी आसान बनाएगा।

कृषि भवन लखनऊ के सभागार में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि एग्री स्टैक के प्रारंभिक चरण में तीन बुनियादी रजिस्ट्री शामिल हैं जिसमें भू-संदर्भित राजस्व ग्राम मानचित्र (जिओ रेफरेंस विलेज मैप), जीआईएस बेस रियल टाइम क्रॉप सर्वे (क्रॉप सोन रजिस्ट्री) और किसानों का डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री) है। प्रदेश के समस्त राजस्व ग्राम के सजरा मानचित्र को हाई-रेजुलेशन सेटेलाइट मैप के साथ मैपिंग कराकर भू-संदर्भित राजस्व ग्राम मानचित्र के रूप में डिजिटाइज़ किया जा रहा है, जिससे प्रत्येक खेत का जियो रेफरेंसिंग संभव हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि क्रॉप सोन रजिस्ट्री के अंतर्गत, प्रदेश के सभी खेतों में बोई गई फसलों का खरीफ, रबी एवं जायद में भारत सरकार द्वारा विकसित मोबाइल ऐप के माध्यम से फसल सर्वेक्षण किया जा रहा है। खरीफ 2023 में उत्तर प्रदेश के 21 जनपदों और शेष 54 जनपदों के 10-10 राजस्व ग्रामों में ई-खसरा पड़ताल सुनिश्चित किया गया।

फार्मर रजिस्ट्री के अंतर्गत, प्रदेश के कृषक विवरण को एग्री स्टैक के अंतर्गत तैयार किए जा रहे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जाएगा। इस हेतु भारत सरकार द्वारा भूलेख के डेटाबेस को समेकित कर राज्य को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जायेगा। प्रदेश भर में फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने हेतु एक माह का अभियान शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के सफल संचालन के लिए मुख्यालय स्तर पर एक हेल्प डेस्क भी स्थापित की गई है।

अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि दिसंबर 2024 से पीएम किसान योजना के अंतर्गत मिलने वाली किस्त हेतु फार्मर रजिस्ट्री का होना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे किसानों को फसली ऋण, फसल बीमा, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विपणन में सुगमता होगी और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि जनपद फर्रूखाबाद में पायलट आधार पर फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने का कार्य संपन्न किया गया, जिससे जनपद में 20 एवं वाराणसी में 60 कृषकों को 30 मिनट में किसान क्रेडिट कार्ड निर्गत करने में सफलता मिली।

इस अवसर पर मुख्य ज्ञान अधिकारी तथा सलाहकार भारत सरकार राजीव चावला, मनीषा त्रिघाटिया आयुक्त सचिव राजस्व परिषद,अनुराग यादव सचिव कृषि, कृषि निदेशक तथा कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा एग्री स्टैक योजना अंतर्गत फार्मर रजिस्ट्री के लिए जनपद एवं तहसील स्तरीय मास्टर ट्रेनर उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/सियाराम

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