दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पीएचडी कार्यक्रम में विदेशी छात्रों की बढ़ती रुचि
गोरखपुर, 5 मार्च (हि.स.)।दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयूजीयू) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय के पीएचडी कार्यक्रम में पहली बार 26 अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने आवेदन किया है, जो वैश्विक स्तर पर इसकी बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन के कुशल नेतृत्व में, विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक सहयोग को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पिछले एक वर्ष में, डीडीयूजीयू ने विश्व स्तर पर आठ उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे इसकी वैश्विक पहचान को मजबूती मिली है। विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय प्रकोष्ठ द्वारा साझेदार विश्वविद्यालयों में पीएचडी प्रवेश पुस्तिका वितरित करने से विदेशी छात्रों की रुचि को बढ़ावा मिला है।
इन 26 अंतरराष्ट्रीय आवेदनों में से एक अमेरिका से है, जो मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग में आवेदनकर्ता है, जबकि शेष 25 आवेदन नेपाल से प्राप्त हुए हैं, जहां विश्वविद्यालय की पाँच प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी है। विषयवार आवेदन इस प्रकार हैं:
• प्रबंधन/वाणिज्य – 9 आवेदन
• अर्थशास्त्र – 6 आवेदन
• कंप्यूटर विज्ञान – 5 आवेदन
• समाजशास्त्र – 2 आवेदन
• जैव प्रौद्योगिकी – 1 आवेदन
• सांख्यिकी – 1 आवेदन
माइक्रोबायोलॉजी-1 आवेदन
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में डीडीयूजीयू की सफलता
अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने के साथ-साथ, डीडीयूजीयू ने राष्ट्रीय और वैश्विक रैंकिंग में भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है:
• नेचर इंडेक्स रैंकिंग 2024 में भारत में 84वां स्थान और उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान
• क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: साउथर्न एशिया 2025 में 240वां स्थान
• एससीआईमागो इंस्टीट्यूशन्स रैंकिंग 2024 में 226वां स्थान
• एडुरैंक और वेबोमेट्रिक्स रैंकिंग 2024 में भी शानदार प्रदर्शन
ये उपलब्धियाँ डीडीयूजीयू को एक उत्कृष्ट शिक्षण और अनुसंधान केंद्र के रूप में स्थापित कर रही हैं, जिससे यह अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा “यह विश्वविद्यालय के लिए एक गर्व का क्षण है। अंतरराष्ट्रीय छात्रों की बढ़ती रुचि हमारे अकादमिक उत्कृष्टता और वैश्विक सहयोग की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। विश्वभर के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ हमारे सहयोग ने हमें उच्च शिक्षा और अनुसंधान का एक उभरता हुआ केंद्र बना दिया है। हम इन छात्रों का स्वागत करते हैं और एक समृद्ध, विविधतापूर्ण शैक्षणिक समुदाय विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए उत्साहित हैं।”
यह ऐतिहासिक क्षण डीडीयूजीयू के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में एक नया अध्याय खोलता है और इसे वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा के प्रमुख केंद्रों में स्थापित करने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय