ठाकुर बांकेबिहारी जी को सर्दी से बचाने के प्रयास हुए शुरू
मथुरा, 29 नवम्बर(हि.स.)। जन-जन के आराध्य श्रीबांकेबिहारी जी को सर्दी न लग जाए इसके लिए सेवायत गर्म पोशाक से लेकर भोग, गर्माहट लाने के प्रयास में जुट गए हैं। सर्द मौसम के चलते ठाकुरजी के भोग व पोशाक में बदलाव किया गया है। केसरयुक्त दूध, पंचमेवा के अलावा भोग में सूखे मेवा की मात्रा बढ़ाई गई है। सलीन के वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं, ताकि मौसम के अनुरूप ठाकुरजी को ठंड का प्रभाव न हो सके।
बुधवार शाम बांकेबिहारी मंदिर सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ ही ठाकुरजी की राग और भोग सेवा में बदलाव करने की परंपरा है। काजू, बादाम, चिलगोजा, पिस्ता समेत पंचमेवा का भोग लगाया जा रहा है। सर्दी का प्रभाव और बढ़ने पर केसरयुक्त गर्म दूध और खीर के साथ केसर का हलवा, जिसमें पंचमेवा की मात्रा में बढ़ाई गई है, भोग में परोसा जा रहा है।
ठा. बांकेबिहारी को सुबह शृंगार के दौरान बालभोग, दोपहर में राजभोग, शाम को मंदिर खुलने के साथ उत्थापन भोग और रात को शयन भोग परोसा जाता है। मंदिर के पट जब बंद होते हैं, तो ठाकुरजी को शयन कराने के साथ उन्हें गर्म केसरयुक्त दूध और पान का बीड़ा भी अर्पित किया जा रहा है। रात में ठाकुरजी को भूख लगे तो वह रखे चार लड्डुओं का सेवन कर सकते हैं। इसलिए उनके शयन कक्ष में टिफिन में चार लड्डू भी रखे जाते हैं। ठा. बांके बिहारी को हिना इत्र का प्रयोग स्नान व मालिश के लिए किया जा रहा है, ताकि बदलते मौसम में उन्हें गुलाबी ठंड का असर न हो।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/बृजनंदन
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