वाहनों में काली फिल्म लगवाना लखनऊ में आसान
लखनऊ, 14 सितंबर (हि.स.)। लखनऊ की सड़कों पर लग्जरी वाहनों में घूमते अपराधियों को अपनी सुरक्षा के लिए वाहन के शीशे पर काली फिल्म लगवाना अब और भी आसान है। शहर में कुछ दुकानदार चोरी-छिपे अपने फायदे के लिए काली फिल्म लगा रहे हैं। काली फिल्म लगवाने के बाद अपनी पहचान छुपाकर घूमने वाले अपराधियों को सुरक्षा मिलती है।
शहर में चौराहों व तिराहों पर लगे कैमरों में वाहनों के आने-जाने का दृश्य दिखलायी पड़ता है। क्राइम कंट्रोल करने के लिए पुलिस विभाग कैमरों की मदद लेता रहा है। कैमरों से वाहन के भीतर बैठे व्यक्ति का पूरा चेहरा भी सामने आ जाता है। ऐसे में वाहनों के शीशे पर काली फिल्म लगाने के बाद भीतर बैठे व्यक्ति की पहचान छुप जाती है। वाहनों पर काली फिल्म को उतारने के लिए पुलिस अभियान चलाती रहती है। लखनऊ पुलिस के मुताबिक शहरों में अभियान के दौरान प्रतिदिन 40 के करीब वाहनों से काली फिल्म उतारा जाता है। फिर भी वाहनों पर काली फिल्म कुछ घंटों के भीतर ही लगा दी जाती है और उस वाहन का एक बार फिर से उपयोग शुरू हो जाता है।
पुलिस उपायुक्त यातायात आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि यातायात पुलिस अपना कार्य कर रही है। ब्लू फिल्म हमारी समस्या तो है ही, वो दुकानदार भी हैं जो ब्लू फिल्म बेचते हैं। यातायात नियमों का पालन कराना आसान नहीं है। वाहन से ब्लू फिल्मों को हटाया जा रहा है, फिर भी ब्लू फिल्म बेचने वाले दुकानदारों पर एक्शन बिना स्थानीय पुलिस के सम्भव नहीं होता। यातायात पुलिस और स्थानीय पुलिस का संयुक्त आपरेशन समय की व्यस्तता के कारण टल जाता है।
लालबाग चौराहे पर आसानी से लगती काली फिल्म
शहर में नाका और आलमबाग के काली फिल्म लगाने वाले दुकानदारों पर सख्ती हुई। दोनों ही जगहों पर दुकानदारों ने चोरी छुपे वाहनों के शीशों पर काली फिल्म लगानी शुरू कर दी। लालबाग चौराहा और हजरतगंज थाने वाले मार्ग पर आज तक पुलिस विभाग की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसी का परिणाम है कि इन जगहों पर वाहनों के पार्ट्स बेचने वाले दुकानदार खुलेआम काली फिल्म बेच रहे हैं। आसानी से शीशों पर काली फिल्म चढ़ाने के बाद मनमाना धन भी वसूल रहे हैं। अपराध जगत से जुड़े चेहरों के अलावा बिल्डरों और अधिवक्ताओं के वाहनों पर काली फिल्म लगी ज्यादा दिखती है। अपने चेहरों को छुपाकर सड़क पर चलने वाले बिल्डरों की मानें तो वह धूप से बचने के लिए या अपनी सुरक्षा के लिए वाहन के शीशे पर काली फिल्म लगा कर चलते हैं।
दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 177 और 179 के तहत काला शीशा लगाने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली, 1989 के नियम ((2)) के तहत वाहनों में लगे काले शीशे को हटाने का प्रावधान है। केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के नियम 100 के तहत वाहनों की खिड़कियों के शीशे काले या रंगीन नहीं होने चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/ शरद/पवन

