डासना जेल में बंदियों की स्क्रीनिंग शुरू एसटीडी, एचआईवी, टीबी तथा हेपेटाइटिस जांच
गाजियाबाद, 08 दिसम्बर(हि.स.)। उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसायटी के निर्देश पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला कारागार, डासना में स्क्रीनिंग कैंप का शुभारंभ किया गया। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। मुख्य अतिथि ने फीता काटकर जांच शिविर का शुभारंभ किया। इस मौके पर सीडीओ अभिनव गोपाल ने कहा कि जिन बंदियों की जांच में किसी संक्रमण की पुष्टि होती है, उनके नियमित और पूरे उपचार की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाए। कारागार से रिहा होने के बाद भी उपचार बीच में न छूटने पाए। सीडीओ ने कारागार में सेल्फ हेल्प ग्रुप्स द्वारा किए जा रहे कार्यों को देखा और सराहा।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. अमित विक्रम ने बताया कि कारागार में रह रहे बंदियों की जांच के लिए पांच दिवसीय अभियान शुरू किया गया है। स्क्रीनिंग के लिए कारागार में पांच काउंटर बनाए गए हैं। कारागार में रह रहे सभी 4308 बंदियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग के साथ जेल बंदियों की एसटीडी (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज), एचआईवी (ह्युमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस), टीबी (क्षय रोग) तथा हेपेटाइटिस की जांच की जा रही है। साथ ही इन बीमारियों से बचाव के प्रति भी उनको जागरूक किया जाएगा।
डीटीओ ने बताया कि जिला कारागार में लगाए गए जांच शिविर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से काउंसलर बिहारी ठाकुर, राहुल वर्मा, रेणु यादव और सुमन चौधरी के अलावा लैब टेक्नीशियन जयकेश यादव, नवाब, ललित चौधरी और अवनीश की डयूटी लगाई गई है, जो पांच दिनों तक जेल बंदियों की स्क्रीनिंग और जांच करेंगे साथ ही जरूरत के हिसाब से काउंसलिंग और उपचार भी प्रदान कराएंगे। इस दौरान इन बीमारियों से बचाव के बारे में जेल बंदियों को जागरूक किया जाएगा।
डीटीओ ने बताया कि जिन बंदियों का उपचार शुरू होगा, उन्हें नियमित रूप से दवाओं के सेवन करने और जेल से रिहा होने के बाद सरकारी चिकित्सालय के माध्यम से उपचार जारी रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। स्क्रीनिंग के शुभारंभ अवसर पर जेल अधीक्षक आलोक कुमार, जिला कारागार के चिकित्सा अधिकारी डा. चंद्रप्रकाश और टीबी-एचआईवी समन्वयक निधि त्रिखा भी मौजूद रहीं।
संक्रमित व्यक्ति को छूने से नहीं फैलता एचआईवी संक्रमण : सीएमओ
इस मौके पर सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने कहा कि किसी भी बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर उसकी जांच और सम्पूर्ण उपचार जरूर कराएं। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को छूने, साथ बैठने और खाने से यह बीमारी नहीं फैलती है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले द्रव्य या रक्त के संपर्क में आने से संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित असुरक्षित इंजेक्शन साझा करना, इसके साथ ही संक्रमित गर्भावस्था, संक्रमित मां के स्तनपान से बच्चे में एचआईवी फैल सकता है। इसलिए समय पर जांच करवाना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया - दो हफ्ते या उससे अधिक समय तक खाँसी, खाँसी के साथ बलगम में खून आना, रात में पसीना आना, भूख न लगना और वजन कम होना आदि टीबी के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण नजर आने पर तुरंत जांच करानी चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली/बृजनंदन
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