आलू की खुदाई से 10 व 15 दिन पूर्व बेल कटाई करना बहुत आवश्यक: डॉ.आर.बी.सिंह
कानपुर,01 फरवरी (हि.स.)। आलू फसल में अधिकांश प्रजातियां 90 से सौ दिनों में परिपक्व हो जाती हैं। जब फसल परिपक्व हो जाती है तो उस समय बेल की कटाई कर देनी चाहिए। बेल कटाई का कार्य खुदाई के 10 से 15 दिन पहले की जानी चाहिए। बेल काटने से आलू कंद का छिलका कड़ा हो जाता है। जिससे आलू कंदों के भंडारण क्षमता में सुधार होता है। यह जानकारी गुरुवार को बिहारी पुरवा गांव के किसानों को एक दिवसीय आलू उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के साकभाजी अनुभाग प्रभारी अधिकारी डॉ.आर.बी.सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि आलू की पछेती फसल में जिंक, लोहा एवं बोरॉन सूक्ष्म पोषक तत्वों का पर्णीय छिड़काव करें। आलू के विपणन एवं भंडारण विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि आलू का कंद के आकार के आधार पर ग्रेडिंग की जानी चाहिए।
डॉ अजय कुमार यादव ने बताया कि आलू फसल पर लगने वाले रोगों एवं निदान के बारे में बताया तथा कहा कि झुलसा रोग के लिए समय से रिडोमिल दवा का प्रयोग करें। इस अवसर पर डॉ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि आलू फसल में कीट प्रबंधन बहुत आवश्यक है।तथा एमिडेक्लोप्रिड के छिड़काव करना चाहिए।
डॉ शशिकांत ने आलू फसल में सिंचाई करते समय दो तिहाई तक मेड की ऊंचाई तक पानी लगाने की सलाह दी। कार्यक्रम में 100 से अधिक आलू उत्पादकों एवं कृषक महिलाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता देशराज भारतीय ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/बृजनंदन
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